भोपाल, सिंगरौली: पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार वर्मा के मार्गदर्शन में सिंगरौली जिले में साइबर जागरूकता अभियान सक्रिय रूप से चलाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को साइबर अपराधों से बचाना और जागरूक करना है। इसी अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। हाल ही में, सिंगरौली साइबर टीम ने साइबर ठगी के शिकार हुए डॉ. राजीव चौधरी और डॉ. हेमलता चौधरी से ठगे गए 4 लाख रुपये को एक घंटे के भीतर वापस करवा दिया।
घटना का विवरण:
दिनांक 07 दिसंबर 2024 को सिंगरौली के विंध्यनगर निवासी डॉ. राजीव चौधरी और उनकी पत्नी डॉ. हेमलता चौधरी को एक अज्ञात नंबर 8920504815 से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को “कैप्टन सतीश, सैनिक स्कूल” का अधिकारी बताया और बच्चों के मेडिकल परीक्षण के बारे में चर्चा की। डॉक्टर ने बताया कि प्रत्येक बच्चे के परीक्षण के लिए ₹300 और ऑडियोमेट्रिक जांच के लिए ₹500 शुल्क लिया जाएगा। कॉलर ने अगले दिन संपर्क करने का वादा किया।
8 दिसंबर को उसी नंबर से फिर से कॉल आया, इस बार कॉलर ने “कर्नल रावत” बनकर डॉक्टर से क्लिनिक का लोकेशन और विजिटिंग कार्ड मांगा। डॉक्टर चौधरी के स्टाफ ने उनके निर्देशानुसार क्लिनिक का विवरण कॉलर के व्हाट्सएप पर भेज दिया। इसके बाद कॉलर ने बच्चों के मेडिकल परीक्षण का पेमेंट करने के लिए डॉक्टर से आई-मोबाइल ऐप के जरिए भुगतान प्रक्रिया करने को कहा। फ्रॉड कॉलर की बातों में आकर डॉक्टर चौधरी ने निर्देशों का पालन किया, और इस दौरान उनके बैंक खाते से दो बार में कुल 4 लाख रुपये की राशि कट गई।
पुलिस की तत्परता:
घटना का पता चलते ही डॉक्टर चौधरी ने पुलिस अधीक्षक सिंगरौली मनीष खत्री से संपर्क किया, जिन्होंने त्वरित कार्रवाई करते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री शिवकुमार वर्मा और थाना विंध्यनगर की निरीक्षक अर्चना द्विवेदी के नेतृत्व में साइबर टीम को सक्रिय किया। साइबर टीम ने 1930 साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने का सुझाव दिया। तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुलिस ने डॉक्टर चौधरी के खाते से कटे हुए 4 लाख रुपये को एक घंटे में वापस करवा दिया।
डॉक्टर दंपति ने जताया आभार:
डॉ. चौधरी ने सिंगरौली पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सजगता की सराहना करते हुए धन्यवाद व्यक्त किया। उन्होंने जिले के नागरिकों से सतर्क रहने और साइबर ठगी से बचने की अपील की।
साइबर फ्रॉड से बचाव के लिए सुझाव:
1. अनजान कॉल्स पर बैंक या व्यक्तिगत जानकारी न साझा करें।
2. किसी भी भुगतान ऐप का उपयोग करते समय सतर्क रहें।
3. 1930 साइबर हेल्पलाइन पर तुरंत शिकायत दर्ज करें।
4. संदेहास्पद गतिविधियों की सूचना तुरंत पुलिस को दें।