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टीबी उन्मूलन की दिशा में रेलवे का प्रभावी कदम: विदिशा जिले में जागरूकता अभियान और स्वास्थ्य शिविर आयोजित

भोपाल: भारतीय रेलवे न केवल यात्री सेवाओं में उत्कृष्टता प्रदान कर रहा है, बल्कि समाज कल्याण के लिए भी सक्रिय कदम उठा रहा है। इसी दिशा में, मंडल रेल प्रबंधक भोपाल श्री देवाशीष त्रिपाठी और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक भोपाल डॉ. अजय डोगरा के नेतृत्व में 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत गंजबासौदा रेलवे स्टेशन पर व्यापक स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता अभियान आयोजित किए गए। यह पहल रेलवे कर्मचारियों, उनके परिवारों और स्थानीय समुदाय के लिए अत्यंत लाभकारी साबित हुई।

स्वास्थ्य शिविर में 67 लोगों को मिला लाभ: टीबी उन्मूलन अभियान के तहत, रेलवे स्टेशन पर एक विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें रक्तचाप, मधुमेह और सामान्य स्वास्थ्य परीक्षण किए गए। इस शिविर में टीबी के उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों की पहचान पर विशेष ध्यान दिया गया। कुल 67 लाभार्थियों में से 21 व्यक्तियों में उच्च रक्तचाप और 2 व्यक्तियों में मधुमेह के नए मामले सामने आए, जिनके उपचार की दिशा में आवश्यक कदम उठाए गए।

डोर-टू-डोर जागरूकता अभियान: टीबी उन्मूलन के अभियान को और प्रभावी बनाने के लिए, गंजबासौदा रेलवे कॉलोनी के 40 आवासीय परिसरों में डोर-टू-डोर कैंपेन चलाया गया। इस अभियान के तहत, रेलवे कर्मचारियों और उनके परिवारों को टीबी के लक्षण, जांच, बचाव, उपचार और पोषण के बारे में जानकारी दी गई। पंपलेट वितरण के माध्यम से कफ हाइजीन, वेंटीलेशन, और नियमित स्वास्थ्य परीक्षण के महत्व पर जोर दिया गया।

स्टेशन पर जागरूकता प्रसार: टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए, रेलवे स्टेशन पर पब्लिक अनाउंसमेंट सिस्टम के माध्यम से टीबी के लक्षण, बचाव, शीघ्र निदान और उपचार संबंधी जानकारी प्रसारित की गई। इसके साथ ही, पोस्टर और पंपलेट भी वितरित किए गए, जिससे यात्रा करने वाले यात्री भी इस गंभीर बीमारी के प्रति जागरूक हो सकें।

निक्षय शपथ: कार्यक्रम के समापन पर, रेलवे कर्मचारियों और उपस्थित लोगों ने ‘निक्षय शपथ’ ली, जिसमें टीबी उन्मूलन के लिए सतर्कता और संकल्प को दोहराया गया। इस शपथ के तहत सभी ने टीबी मुक्त भारत के अभियान में अपना योगदान देने का संकल्प लिया।

चिकित्सा टीम का योगदान: यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम डॉ. शुभम जैन और उप मंडल रेल चिकित्सालय, बीना की मेडिकल टीम के योगदान से सफल हुआ। उनकी निस्वार्थ सेवा ने इस अभियान को उत्कृष्ट रूप से संचालित किया।

समाज के लिए रेलवे की पहल: भारतीय रेलवे का यह अभियान यह दर्शाता है कि टीबी जैसी गंभीर बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए चिकित्सा उपचार, सामाजिक जागरूकता, और सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है। ऐसे अभियानों से न केवल रेलवे कर्मचारी, बल्कि आम नागरिक भी लाभान्वित हो रहे हैं, जिससे समाज में स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा मिल रहा है।

वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने यात्रियों और कर्मचारियों से अनुरोध किया कि वे स्वास्थ्य परीक्षण को अपनी आदत में शामिल करें, ताकि बीमारियों की समय रहते पहचान हो सके और उचित उपचार मिल सके। उन्होंने यह भी कहा कि टीबी जैसी बीमारी से बचने के लिए स्वच्छता, संतुलित आहार, नियमित जांच, और सावधानी आवश्यक है। रेलवे इस दिशा में आगे भी इसी तरह से कार्य करता रहेगा।

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