जिला पेंशन कार्यालयों को बंद न किया जाए: कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री से की मांग

जिला पेंशन कार्यालय बंद करने से पेंशनरों को होंगी समस्याएं

राजधानी भोपाल के अलावा अन्य जिलों में भी कार्यालयों को संचालित करने की मांग

प्रदेश के 5 लाख पेंशनधारकों के लिए फैसला होगा असुविधाजनक

भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिला पेंशन कार्यालयों को बंद करने के फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की है। मंच ने चेतावनी दी है कि अगर ये कार्यालय बंद किए गए, तो प्रदेश के लाखों वरिष्ठ पेंशनधारकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।

मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि छह महीने पहले ही सरकार ने पेंशनरों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया था कि पेंशन से जुड़ी सभी सेवाएं जिला पेंशन कार्यालयों के माध्यम से दी जाएंगी। इनमें पेंशन खाता अपडेट करने से लेकर अन्य संशोधन शामिल हैं। अब अचानक इन कार्यालयों को बंद करने का फैसला कर्मचारी विरोधी है और पेंशन नियमों के विपरीत है।

अशोक पांडे ने कहा कि केवल राजधानी भोपाल के कार्यालय में पेंशन सेवाएं उपलब्ध कराना प्रदेश के पेंशनरों के लिए भारी कठिनाई पैदा करेगा। इससे करीब 5 लाख पेंशनधारकों को छोटी-छोटी प्रक्रियाओं के लिए भी अपने जिलों से भोपाल आना पड़ेगा, जो आर्थिक और शारीरिक रूप से कष्टप्रद होगा।

मंच ने मुख्यमंत्री से अपील की है कि वरिष्ठ पेंशनधारकों की सुविधा और कल्याण के लिए जिला पेंशन कार्यालयों को यथावत जारी रखा जाए ताकि उन्हें स्थानीय स्तर पर सभी सेवाएं मिल सकें।






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