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कर्मचारी मंच ने उच्च न्यायालय के आदेश के पालन की मांग की, मुख्यमंत्री को सौंपा पत्र

भोपाल। उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए सरकार के पास केवल चार दिन शेष हैं, लेकिन अब तक सरकार ने 27 फरवरी 2024 के आदेश को संज्ञान में नहीं लिया है। इस देरी के कारण प्रदेश के लाखों स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में असंतोष फैल गया है। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्यमंत्री को पत्र सौंपकर उच्च न्यायालय के आदेश का समय सीमा में पालन करने और स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने की मांग की है।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष अशोक पांडे ने अपनी प्रस्तुति में बताया कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विवेक अग्रवाल ने 27 फरवरी 2024 को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए प्रदेश के शासकीय एवं अर्ध-शासकीय विभागों में कार्यरत स्थाई कर्मियों एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता देकर नियमित नियुक्ति देने और अन्य हित लाभ प्रदान करने का आदेश दिया था। न्यायालय ने राज्य सरकार को 120 दिन के भीतर आदेश का पालन करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब सरकार के पास मात्र चार दिन बचे हैं।

सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अनिल सुचारी ने कहा कि उच्च न्यायालय का आदेश अभी तक उनके विभाग के संज्ञान में नहीं है, जबकि प्रशासनिक माध्यम से आदेश की प्रति राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग को पहले ही भेजी जा चुकी है। इस स्थिति से स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करने में आनाकानी कर रही है। इसके परिणामस्वरूप प्रदेश के लाखों स्थाई कर्मियों और दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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