ईपीएस 95 पेंशनर्स को हाई कोर्ट के आदेश पर मिलेगी हायर पेंशन

भोपाल। सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष अनिल बाजपेई और महासचिव अरुण वर्मा ने बताया कि जबलपुर, इंदौर, पंजाब, हरियाणा, केरल, कर्नाटक और चेन्नई हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि 1 सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को हायर पेंशन का लाभ दिया जाए। ये वे कर्मचारी हैं जिनका पूरा अंशदान नियोक्ता द्वारा कर्मचारी भविष्य निधि (EPFO) में जमा किया गया था।

फेडरेशन के वरिष्ठ नेता अनिल बाजपेई और अरुण वर्मा ने बताया कि आर. सी. गुप्ता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि पेंशन योजना के पैरा 11(3) के तहत विकल्प दाखिल करने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। जिन कर्मचारियों ने सेवा के दौरान विकल्प नहीं चुना था, लेकिन बाद में विकल्प दाखिल किया, वे भी हायर पेंशन के हकदार होंगे।

कोर्ट के आदेशों के प्रमुख बिंदु:

1. आर. सी. गुप्ता केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पेंशन विकल्प चुनने की कोई कट-ऑफ डेट नहीं थी।


2. 2016 में आर. सी. गुप्ता मामले के फैसले के बाद कर्मचारियों ने अपने विकल्प जमा किए, जिन्हें EPFO ने स्वीकार कर कार्यवाही पूरी की।


3. कई कर्मचारियों ने भविष्य निधि से निकाली गई राशि को ब्याज सहित जमा कर दिया, जिसे विधिवत स्वीकार किया गया था।


4. पिछले पांच वर्षों से कई पेंशनर्स हायर पेंशन का लाभ उठा रहे हैं, और इस स्थिति में पेंशन कटौती अस्वीकार्य है।


5. सुनील कुमार केस में सुप्रीम कोर्ट ने पेंशन योजना के संशोधित पैरा 11 को चुनौती दी थी, लेकिन आर. सी. गुप्ता प्रकरण के निष्कर्षों पर कोई संदेह नहीं जताया गया।



कर्मचारियों की मांग

फेडरेशन के नेता अनिल बाजपेई और अरुण वर्मा ने केंद्रीय श्रम मंत्री और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के अधिकारियों से अनुरोध किया है कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्णयों का पालन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने मांग की है कि 1 सितंबर 2014 से पहले सेवानिवृत्त सभी पेंशनर्स को तत्काल हायर पेंशन का भुगतान किया जाए।

इस निर्णय से हजारों पेंशनर्स को लाभ मिलने की उम्मीद है, जो लंबे समय से अपने वित्तीय अधिकारों और न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

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