अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर विशेष
भोपाल: मध्यप्रदेश, जिसे ‘टाइगर स्टेट’ के नाम से जाना जाता है, बाघों की आबादी और संरक्षण के लिए प्रसिद्ध है। 2022 की जनगणना के अनुसार, यहां 785 बाघ मौजूद हैं, जो देश में सबसे ज्यादा है। इनमें से 563 बाघ टाइगर रिजर्व में हैं और 222 बाघ अभयारण्य और टाइगर रिजर्व के बाहर हैं।
पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा
जुलाई से सितंबर माह तक टाइगर सफारी बंद होने से पर्यटन गतिविधियों में कमी आ जाती है, जिससे स्थानीय समुदाय, होटल संचालक और पर्यटन से जुड़े लोग प्रभावित होते हैं। इस समस्या को देखते हुए, मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड द्वारा वन विभाग और स्थानीय जिला प्रशासन के साथ मिलकर बफर जोन में रोमांचक गतिविधियों की शुरुआत की जाएगी। इसमें जंगल सफारी, नेचर वॉक, ट्री-हाउस स्टे, विलेज टूर और स्टारगेजिंग जैसी गतिविधियां शामिल होंगी।
प्रमुख पर्यटन और संस्कृति अधिकारी का बयान
मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड के प्रबंध संचालक शिव शेखर शुक्ला ने कहा कि मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करने और स्थानीय समुदायों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। जुलाई से सितंबर के दौरान भी पर्यटन गतिविधियों को बनाए रखना और स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना प्राथमिकता है।
मध्यप्रदेश के प्रमुख बाघ अभयारण्य
1. बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान: 1,536.93 वर्ग किलोमीटर में फैला यह रिजर्व 104 बाघों का घर है, जहां हर 14 किलोमीटर पर एक बाघ मिलता है।
2. कान्हा राष्ट्रीय उद्यान: मंडला और बालाघाट जिलों में फैला यह उद्यान 61 बाघों के साथ संरक्षण पहलों में अग्रणी है।
3. पेंच टाइगर रिजर्व: सिवनी और छिंदवाड़ा जिलों में फैला पेंच राष्ट्रीय उद्यान 61 बाघों के साथ 1179.63 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
4. वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व: सागर, दमोह और नरसिंहपुर में फैला यह नया रिजर्व 2339 वर्ग किलोमीटर में 15 बाघों का घर है।
5. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व: यह रिजर्व यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की संभावित सूची में शामिल है और यहां 40 बाघ हैं।
6. पन्ना टाइगर रिजर्व: पन्ना और छतरपुर जिलों में फैला यह रिजर्व 25 बाघों का घर है।
7. संजय-दुबरी राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व: सीधी और शहडोल जिलों में फैला यह रिजर्व वन्यजीवों के लिए स्वर्ग है और यहां लगभग 5 बाघ हैं।