भोपाल । एम्स भोपाल ने रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के सहयोग से “खुशी का विज्ञान: स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए व्यावहारिक उपकरण” विषय पर 17-18 मार्च 2025 को दो दिवसीय फैकल्टी विकास कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम विश्व खुशी दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्यरत पेशेवरों को मानसिक स्वास्थ्य और खुशी को बढ़ाने के व्यावहारिक तरीकों से परिचित कराना था।
प्रमुख बिंदु:
मेडिकल प्रोफेशनल्स के लिए तनाव प्रबंधन व मानसिक स्वास्थ्य पर फोकस
पॉजिटिव साइकोलॉजी के जरिए व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में संतुलन
इंटरएक्टिव सत्रों, अनुभवात्मक गतिविधियों और माइंडफुलनेस एक्सरसाइज का आयोजन
खुशी और मानसिक स्वास्थ्य का महत्व
कार्यक्रम का शुभारंभ एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने किया। उन्होंने कहा “खुशी एक विज्ञान है, जिसे समझना और अभ्यास करना आवश्यक है। चिकित्सा पेशेवर अत्यधिक तनाव का सामना करते हैं, जिससे उनके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है। सकारात्मक मनोविज्ञान से भावनात्मक कल्याण, लचीलापन और समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा दिया जा सकता है। एम्स भोपाल का सेंटर ऑफ हैप्पीनेस इसी दिशा में कार्यरत है।”
प्रमुख विशेषज्ञों का मार्गदर्शन
कार्यक्रम में रेखी फाउंडेशन फॉर हैप्पीनेस के विशेषज्ञ डॉ. ए. श्रीहरि कृष्णा और डॉ. रितु शर्मा ने विभिन्न सत्रों का संचालन किया। उन्होंने प्रतिभागियों को तनाव प्रबंधन, भावनात्मक लचीलापन, माइंडफुलनेस और आत्म-जागरूकता बढ़ाने की तकनीकें सिखाईं।
इंटरैक्टिव सत्र और प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया
कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य पेशेवरों ने इंटरएक्टिव वर्कशॉप, अनुभवात्मक गतिविधियों और समूह चर्चाओं में भाग लिया।
प्रतिभागियों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवा समुदाय में मानसिक स्वास्थ्य और वेल-बीइंग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
एम्स भोपाल में फैकल्टी विकास कार्यक्रम: स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए खुशी का विज्ञान
