*किसान, उद्योग और घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने की योजना*
भोपाल: मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों, औद्योगिक इकाइयों और घरेलू उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 25 हजार करोड़ रुपये की छूट बिल में शामिल की है। इसी प्रकार, अन्य विभागों के माध्यम से भी विभिन्न योजनाओं के तहत छूट और प्रोत्साहन दिए जाते हैं। वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित कुल व्यय 3.26 लाख करोड़ रुपये है, जिसमें से एक बड़ा हिस्सा विभागों द्वारा दी जाने वाली छूटों और प्रोत्साहनों पर व्यय हो रहा है।
वित्त विभाग अब इस व्यय को कम करने की दिशा में कदम उठाने की योजना बना रहा है। वित्त विभाग ने वाणिज्यिक कर, ऊर्जा, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन सहित अन्य विभागों से छूट और प्रोत्साहन के तहत दी जाने वाली वित्तीय सुविधाओं का विवरण मांगा है।
वित्त विभाग की संचालक बजट, तन्वी सुन्द्रियाल, ने सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और बजट नियंत्रण अधिकारियों को पत्र लिखकर प्रोत्साहनों के राजस्व पर प्रभाव का ब्यौरा प्रस्तुत करने को कहा है। इस आंकड़े के आधार पर छूटों की उपयोगिता पर विचार किया जाएगा और यह देखा जाएगा कि अगली वित्तीय वर्ष में सरकारी राजस्व पर अतिरिक्त भार न पड़े।
इसके अलावा, नगरीय सीमा में भवन अनुज्ञा की निर्धारित सीमा से अधिक निर्माण को वैध करने के लिए 30 प्रतिशत अतिरिक्त निर्माण की छूट दी गई है। इससे नगरीय निकायों को मिलने वाला अतिरिक्त राजस्व प्रभावित हुआ है। किसानों को खेती की लागत कम करने के लिए ब्याज रहित अल्पावधि कृषि ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिसके लिए हर वर्ष लगभग 800 करोड़ रुपये का अनुदान जिला सहकारी केंद्रीय बैंकों को दिया जाता है।
यह कदम सरकार की योजनाओं को पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ किया जा सकेगा।