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नर्सिंग घोटाले की भेंट चढ़ा मानसून सत्र का पहला दिन

मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफे पर अड़ी कांग्रेस
भोपाल । विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सोमवार को कांग्रेस ने नर्सिंग घोटाले पर चर्चा की मांग की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि युवाओं के साथ अन्याय हुआ है, चर्चा होनी चाहिए। इस पर संसदीय कार्यमंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब दिया कि मामला कोर्ट में है इसलिए चर्चा नहीं हो सकती। इसके बाद सदन में हंगामा हो गया। विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने दोपहर 1 बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर सिंघार ने एक बार फिर चर्चा की बात कही। इस पर सीएम मोहन यादव ने कहा कि नियम प्रक्रिया के अंतर्गत मान्य परंपरा में चर्चा के लिए तैयार हैं। उत्तेजना से हम बात सुन नहीं सकते। हम सीधी साधारण भाषा बोलते हैं। किसी से डरते नहीं हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि यह आप दोनों ने मुझ पर छोडऩे के लिए कहा है तो कल इसका ध्यान रखेंगे। प्रश्नोत्तर काल के बाद चर्चा होगी।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कांग्रेस विधायक एप्रिन पहनकर पहुंचे और नर्सिंग घोटाले को लेकर नारेबाजी की। कमलनाथ ने कहा, प्रश्न ये नहीं है कि प्रदेश में घोटाले हुए, प्रश्न ये है कि प्रदेश में कौन सा घोटाला नहीं हुआ। वहीं, मंत्री गोविंद सिंह राजपूत बोले- विपक्ष के पास न मुद्दा बचा है न कोई बोलने वाला। विपक्ष अगर स्थगन प्रस्ताव लाता है तो हम उसका जवाब देने को भी तैयार हैं। उप मुख्यमंत्री स्वास्थ्य राजेंद्र शुक्ल ने कांग्रेस के हंगामे पर कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर जांच हो रही है। जब चर्चा होगी, तब सब सामने आ जाएगा। कांग्रेस केवल राजनीति कर रही है। सदन में मुख्यमंत्री ने इशारा किया तब खड़े हुए सभी मंत्री और विधायक।
विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि सत्र के दौरान कई अवसर आएंगे जिस पर इस विषय को उठाया जा सकता है। इधर विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा रहा और सभी सदस्यों ने एक साथ खड़े होकर स्थगन प्रस्ताव स्वीकार करने की मांग उठाई। इसी बीच कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने नीट परीक्षा की गड़बडिय़ों का विषय उठा दिया। इसके बाद सभी मंत्री और विधायक खड़े हो गए और उन्होंने इसका विरोध किया।
नर्सिंग घोटाले में 300 करोड़ की वसूली हुई
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, नर्सिंग घोटाले में प्रदेश के अंदर 300 करोड़ की वसूली की गई। मंत्री सारंग ने अपने हिसाब से कानून बनाए। फेरबदल किए। कानून ने फटकार लगाई, लेकिन उन्होंने बात नहीं सुनी। आगे घोटाले न हों, इसको लेकर हम विश्वास सारंग के इस्तीफे की मांक कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि नियम कायदों के आधार पर चर्चा होनी चाहिए। युवाओं के साथ अन्याय हुआ है। भंवर सिंह शेखावत ने पूछा कि एक छात्र कितनी बार परीक्षा देगा? इसके बाद सदन में शोर-शराबा और हंगामा हो गया।
प्रदेश में कौन सा घोटाला नहीं हुआ: कमलनाथ
कांग्रेस विधायक कमलनाथ ने कहा, प्रदेश में कौन सा घोटाला नहीं हुआ, प्रश्न ये है। प्रश्न ये नहीं है कि घोटाला हुआ। उन्होंने कहा, सरकार ने जो वादे किए, उनके प्रावधान बजट में करे, जिन पर चर्चा हो।
ये वोट लूटकर आने वाली सरकार है
भांडेर से कांग्रेस विधायक फूल सिंह बरैया ने कहा, भाजपा की सरकार जनता से चुनकर नहीं आई है। इसे डर क्यों है? सदन में क्या-क्या हो रहा है ये जनता को लाइव दिखाना चाहिए। ये सरकार वोट लूटकर जीतने वाली सरकार है, इसलिए इसको बहुत डर है। कांग्रेस डेमोक्रेटिक पार्टी है। भाजपा जिसको चाहे उसे अभी ईडी और सीबीआई भेज देगी। बुलडोजर भेज देगी, इसलिए रामनिवास रावत जैसे लोग चले जाते हैं। किसी बीजेपी वाले का मकान बुलडोजर से नहीं तोड़ा गया। आने वाले समय में मैं उनको डर दिखा दूंगा।
बैठक से पहले कांग्रेस प्रदर्शन
विधानसभा सत्र की शुरुआत से पहले कांग्रेस विधायकों ने गांधी प्रतिमा के सामने किया प्रदर्शन नर्सिंग घोटाले को लेकर तत्कालीन शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के इस्तीफा की मांग कर प्रदर्शन किया।
सरकार चर्चा से नहीं भागती है
सदन की कार्रवाई शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार फिर खड़े हुए और स्थगन पर विचार करने की मांग रखी। संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि यह मोहन यादव की सरकार है चर्चा करने से भागती नहीं है। चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक भंवर सिंह शेखावत ने तेज स्वर में कहा कि सरकार चर्चा से भाग रही है। यह लाखों युवाओं के भविष्य से जुड़ा हुआ विषय है, जो दोनों दलों में हैं। इसको विचारधारा से नहीं बांधा जाना चाहिए। उनके तेज स्वर में बोलने पर मुख्यमंत्री ने आपत्ति जताते हुए कहा कि हमें उत्तेजना में बात सुनने की आदत नहीं है, सभी सदस्य मर्यादा में रहें।
रामनिवास रावत की जगह बैठे लखन घनघोरिया
सदस्यों को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके निर्देश विधानसभा अध्यक्ष ने दिए हैं। मीडिया से चर्चा में कहा कि नियमों के अंतर्गत जो भी विषय आएंगे, उन पर सहमति बनाकर चर्चा कराई जाएगी। कांग्रेस विधायक दल द्वारा रामनिवास रावत का स्थान लखन घनघोरिया को देने के कारण विधानसभा सचिवालय ने उनकी वरिष्ठता को देखते हुए पहली पंक्ति में ही बैठाने का निर्णय लिया है।

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