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वन विभाग में निजीकरण विरोध में वन समिति चौकीदारों ने राज्यपाल को ज्ञापन भेजा

भोपाल । वन विभाग के निजीकरण के निर्णय के खिलाफ, वन समिति के चौकीदारों ने राज्यपाल को एक ज्ञापन प्रेषित किया है। वन मजदूरों और दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों ने इस कदम का तीव्र विरोध किया है, जिसे मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के नेतृत्व में उठाया गया।

मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के अध्यक्ष, अशोक पांडे ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वन कर्मचारियों की मेहनत के बदौलत ही मध्य प्रदेश को टाइगर, चीता, घड़ियाल और तेंदुआ स्टेट का दर्जा प्राप्त हुआ है। 27 मार्च 2024 को वन विभाग ने सभी कार्यों को ठेके के माध्यम से करने का आदेश जारी किया, जिससे श्रमिकों के रोजगार पर संकट उत्पन्न हो सकता है। निजीकरण से वन विभाग के मूल स्वरूप को नुकसान पहुंच सकता है और इसमें घोटाले की संभावना भी बढ़ जाती है।

यदि निजीकरण का निर्णय वापस नहीं लिया जाता है, तो कर्मचारी मंच और वन विभाग के श्रमिक आचार संहिता समाप्त होने के बाद राज्य स्तरीय आंदोलन की शुरुआत करेंगे।

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