सोने की चिड़िया” से “सोने के कबूतर” तक: परिवहन विभाग के आरक्षक पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप

भोपाल: कांग्रेस नेता के.के. मिश्रा ने मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत, जिसे कभी “सोने की चिड़िया” कहा जाता था, आज भ्रष्टाचार के कारण “सोने के कबूतरों” का देश बन गया है। यह टिप्पणी परिवहन विभाग के एक आरक्षक सौरभ शर्मा के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में छापेमारी के बाद आई है, जिसमें 54 किलो सोना और 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति मिलने का दावा किया गया है।

छापेमारी में क्या मिला?

परिवहन विभाग के आरक्षक सौरभ शर्मा के पास से अब तक 54 किलो सोना और 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।

बैंक लॉकर की जांच अभी बाकी है, जिससे और भी अधिक संपत्ति मिलने की संभावना जताई जा रही है।


के.के. मिश्रा का तंज:

कांग्रेस नेता ने कहा कि अंग्रेज तो भारत छोड़कर चले गए, लेकिन अपना पदभार “कालों” (भ्रष्टाचारियों) को सौंप गए। उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा कि यह स्थिति “सोने की चिड़िया” नहीं, बल्कि “सोने के कबूतर” की मौजूदगी का एहसास कराती है।

अवैध वसूली चौकियों का मामला

आरोप है कि सौरभ शर्मा जिन अवैध परिवहन वसूली चौकियों पर हस्तक्षेप करता था, वहां कोई भी व्यक्ति बिना उसकी सहमति के कोई कदम नहीं उठा सकता था।

यह भ्रष्टाचार कैसे संभव हुआ और इसमें कौन-कौन शामिल है, यह जांच का विषय है।


प्रधानमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ “गारंटी” पर टिप्पणी

के.के. मिश्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “जीरो टॉलरेंस” नीति पर तंज कसते हुए कहा कि अगर यह भ्रष्टाचार केवल निचले स्तर तक सीमित है, तो बड़े स्तर पर होने की स्थिति में हालात और भयावह हो सकते थे।

क्या कहते हैं आंकड़े?

मध्यप्रदेश में हाल के वर्षों में आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के मामलों में लगातार वृद्धि देखी गई है। परिवहन विभाग का यह मामला भ्रष्टाचार पर नियंत्रण की दिशा में प्रशासन की गंभीरता पर सवाल खड़े करता है।

सौरभ शर्मा के मामले ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के गहराते जाल को उजागर कर दिया है। इस घटना ने न केवल सरकारी विभागों में पारदर्शिता की कमी को सामने लाया है, बल्कि राजनीतिक दलों को भी आरोप-प्रत्यारोप के नए मुद्दे दे दिए हैं।

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