लोक निर्माण से लोक कल्याण: मंत्री राकेश सिंह का विशेष जोर पारदर्शिता, गुणवत्ता और सुरक्षा पर

**भोपाल:लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने आज मंत्रालय में विभागीय अधिकारियों के साथ लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में विभाग की विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति, पिछले 8 महीनों की उपलब्धियों और संकल्प पत्र में उल्लिखित संकल्पों के क्रियान्वयन पर विशेष चर्चा की गई।

### **निर्माणाधीन परियोजनाओं में पारदर्शिता और गुणवत्ता

मंत्री राकेश सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी कार्यों को समय-सीमा के भीतर पूरा किया जाए। उन्होंने विभाग की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर विशेष ध्यान दिया जाए और उन्हें शीघ्र पूरा किया जाए। मंत्री ने कहा कि निर्माणाधीन परियोजनाओं में पारदर्शिता, गुणवत्ता और सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाए।

### **जल संचयन (वॉटर हार्वेस्टिंग) अनिवार्य**

मंत्री राकेश सिंह ने विभाग द्वारा किए जा रहे नवीन भवन निर्माणों में जल संचयन (वॉटर हार्वेस्टिंग) को अनिवार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल संचयन प्रणाली को अपनाने से पानी की बचत होगी और यह भविष्य की पीढ़ियों के लिए जल संरक्षण के प्रयासों को सुदृढ़ करेगा।

### **पर्यावरण संरक्षण का ध्यान**

सड़क निर्माण परियोजनाओं में पर्यावरण संरक्षण पर जोर देते हुए मंत्री ने निर्देश दिया कि सड़कों के किनारे वृक्षारोपण किया जाए। इससे पर्यावरण संतुलन में सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने ‘लोकपथ’ ऐप की प्रशंसा की है और इसके अधिक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए हैं।

### **निविदा निराकरण समिति की बैठक संपन्न**

मंत्री राकेश सिंह की अध्यक्षता में लोक निर्माण विभाग की 286वीं राज्य स्तरीय निविदा निराकरण समिति की बैठक भी संपन्न हुई। इसमें विभिन्न सड़क, ब्रिज निर्माण आदि की निविदाओं को स्वीकृति दी गई।

बैठक में प्रमुख सचिव लोक निर्माण डीपी आहूजा, एमडी एमपीआरडीए अविनाश लवानिया सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

**सारांश:** लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने निर्माणाधीन परियोजनाओं में पारदर्शिता, गुणवत्ता और सुरक्षा पर विशेष जोर देते हुए जल संचयन को अनिवार्य करने और पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी कार्यों को समय-सीमा के भीतर पूरा करने की हिदायत दी और लोक निर्माण कार्यों के सतत मॉनिटरिंग की आवश्यकता पर बल दिया।

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