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पुणे: सुनसान इलाके में लड़की से गैंगरेप, महिला सुरक्षा पर उठे सवाल

पुणे: शहर के एक सुनसान इलाके में देर रात अपने बॉयफ्रेंड के साथ घूम रही एक 21 वर्षीय लड़की के साथ गैंगरेप की घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, पीड़िता अपने दोस्त के साथ एक सुनसान जगह पर थी, तभी तीन युवक वहां आए और लड़की के दोस्त की पिटाई की। इसके बाद, वे लड़की को जबरन अपने साथ ले गए और बारी-बारी से उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना को अंजाम देने के बाद तीनों आरोपी मौके से फरार हो गए।

फिलहाल, पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच तेज कर दी है। पीड़िता का दोस्त उसे देर रात अस्पताल लेकर पहुंचा था, जिसके बाद पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई। पुलिस को सुबह 5 बजे गैंगरेप की सूचना मिली, जिसके बाद से पुलिस की कई टीमें आरोपियों की तलाश में जुट गई हैं।

महिला सुरक्षा पर उठे सवाल

इस दर्दनाक घटना पर एनसीपी नेता सुप्रिया सुले ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए महाराष्ट्र में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “राज्य में महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों की संख्या लगातार बढ़ रही है। गृह मंत्रालय इस पर काबू पाने में असफल रहा है। महाराष्ट्र महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है, ऐसा कहने की नौबत आ गई है। दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सख्त सजा दी जानी चाहिए।”

पुलिस की जांच जारी, आरोपियों की तलाश में छापेमारी

पुणे पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीमें आरोपियों की तलाश में शहर और आस-पास के इलाकों में छापेमारी कर रही हैं। पुलिस ने बताया कि पीड़ित लड़की जलगांव की रहने वाली है, जबकि उसका दोस्त सूरत का निवासी है। दोनों पुणे के एक ही कॉलेज में पढ़ते हैं और घटना वाली रात वे शहर के एक सुनसान इलाके में घूमने गए थे। इसी दौरान तीन आरोपियों ने उन्हें घेर लिया और वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस पीड़िता के दोस्त से भी पूछताछ कर रही है, ताकि आरोपियों की पहचान और घटनास्थल से जुड़ी अन्य जानकारियां जुटाई जा सकें। पुलिस ने कहा कि जल्द ही सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। महिला सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच इस घटना ने एक बार फिर से राज्य सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

नोट: इस लेख का उद्देश्य घटनाओं की जानकारी देना और महिला सुरक्षा के मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है। महिलाओं की सुरक्षा के प्रति समाज और प्रशासन को सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।

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