भोपाल रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सतर्क और त्वरित प्रयासों ने एक बच्ची की जान बचाने का सराहनीय उदाहरण पेश किया। यह घटना 16 जनवरी 2025 को ट्रेन संख्या 12137 पंजाब मेल के प्लेटफार्म से रवाना होने के दौरान हुई। आरपीएफ कर्मचारी श्री आर. विजय कौशल ने अपनी तत्परता और सूझबूझ से बच्ची की जान बचाई।
कैसे हुआ यह हादसा?
पंजाब मेल के पिछले जनरल कोच में अचानक चेन पुलिंग (एसीपी) हुई। ड्यूटी पर तैनात आर. विजय कौशल ने तुरंत हरकत में आते हुए स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने देखा कि एक महिला यात्री घबराई हुई मदद की गुहार लगा रही थी, क्योंकि उसकी बच्ची बेहोश हो गई थी।
तत्काल सहायता और प्राथमिक उपचार
श्री कौशल ने बच्ची को गोद में उठाकर प्राथमिक उपचार शुरू किया। उन्होंने बच्ची के चेहरे पर पानी छिड़का, आंखें मली, हाथ-पैर रगड़े और सिर दबाया। उनकी तेजी और सटीकता से बच्ची को हल्का होश आ गया।
हॉस्पिटल पहुंचाने की व्यवस्था
इसके बाद बच्ची को प्लेटफार्म नंबर एक के बाहर गार्ड लाबी के ड्राइवर श्री हैदर की मदद से रेलवे की सरकारी गाड़ी में अस्पताल पहुंचाया गया। बच्ची के माता-पिता के साथ उसे तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉ. सुरेश कुमार ने प्राथमिक उपचार किया।
परिवार ने जताया आभार
बच्ची के पिता श्री अब्दुल बाकिर, निवासी मुरैना, मध्य प्रदेश, ने आरपीएफ और रेलवे कर्मचारियों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि रेलवे की तत्परता ने उनकी बच्ची को जीवनदान दिया।
रेलवे अधिकारियों की सराहना
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने कहा, “आरपीएफ और रेलवे कर्मचारियों का यह प्रयास यात्रियों के प्रति हमारी जिम्मेदारी और समर्पण को दर्शाता है। इस घटना ने यह साबित किया है कि रेलवे हमेशा यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के लिए तत्पर है।”
आरपीएफ की सतर्कता बनी जीवनदान
आरपीएफ स्टाफ श्री आर. विजय कौशल की सतर्कता और साहस ने एक बच्ची को नया जीवन दिया। भोपाल रेल मंडल यात्रियों की सुरक्षा और सहायता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को इसी प्रकार निभाता रहेगा।