मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव बोले – “यह गर्व और हर्ष का विषय”
भोपाल । मध्यप्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक पहचान मिलने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। यूनेस्को (UNESCO) ने प्रदेश की 4 ऐतिहासिक धरोहरों को टेंटेटिव लिस्ट में शामिल किया है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की धरोहरों को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में राज्य लगातार आगे बढ़ रहा है।
यूनेस्को टेंटेटिव लिस्ट में शामिल 4 नई ऐतिहासिक धरोहरें:
मौर्यकालीन अशोक के शिलालेख
चौंसठ योगिनी मंदिर
गुप्तकालीन मंदिर
बुंदेला काल के किला-महल
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने एमपी टूरिज्म बोर्ड, संस्कृति विभाग, पुरातत्वविदों, इतिहास प्रेमियों और प्रदेशवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी और कहा कि यह मध्यप्रदेश को विश्व पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
मध्यप्रदेश में यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल:
3 स्थाई विश्व धरोहर स्थल
खजुराहो के मंदिर समूह
भीमबेटका की गुफाएं
सांची स्तूप
15 टेंटेटिव विश्व धरोहर स्थल:
मांडू स्मारक समूह
ओरछा का ऐतिहासिक समूह
नर्मदा घाटी में भेड़ाघाट-लमेटाघाट
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
चंदेरी स्मारक समूह
ग्वालियर किला
बुरहानपुर का खुनी भंडारा
चंबल घाटी के शैल कला स्थल
भोजेश्वर महादेव मंदिर (भोजपुर)
रामनगर के गोंड स्मारक (मंडला)
धमनार का ऐतिहासिक समूह
और अब चार नई धरोहरें शामिल हुईं
ऐतिहासिक धरोहरों का संक्षिप्त परिचय
मौर्यकालीन अशोक के शिलालेख
भारत के सबसे प्राचीन लिखित अभिलेख।
सम्राट अशोक के बौद्ध धर्म, नैतिकता और प्रशासनिक आदेशों का संकलन।
प्रदेश में साँची, जबलपुर (रूपनाथ), दतिया (गुज्जरा) और सीहोर (पानगुरारिया) में स्थित।
चौंसठ योगिनी मंदिर
9वीं से 12वीं शताब्दी के तांत्रिक परंपरा से जुड़े अद्वितीय मंदिर।
गोलाकार संरचना और खुले आकाश के नीचे स्थापत्य कला का बेहतरीन उदाहरण।
खजुराहो, मितावली (मुरैना), जबलपुर, बदोह, हिंगलाजगढ़ (मंदसौर), शहडोल और नरेसर (मुरैना) में स्थित।
गुप्तकालीन मंदिर
भारत की सबसे प्राचीन मंदिर वास्तुकला का उदाहरण।
नक्काशीदार शिखर शैली और उत्कृष्ट कलात्मक सौंदर्य।
सांची, उदयगिरि (विदिशा), नचना (पन्ना), तिगवा (कटनी), भूमरा (सतना), सकोर (दमोह), देवरी (सागर) और पवाया (ग्वालियर) में स्थित।
बुंदेला काल के किला-महल
राजपूत और मुगल स्थापत्य कला के बेहतरीन संगम।
गढ़कुंडार किला, राजा महल, जहाँगीर महल, दतिया महल और धुबेला महल में संरक्षित।
बुंदेला शिल्पकला और सैन्य कुशलता की अद्भुत मिसाल।
मध्यप्रदेश की ऐतिहासिक धरोहरों को वैश्विक पहचान: यूनेस्को की टेंटेटिव लिस्ट में 4 और धरोहर शामिल
