गोहद: जीआरएस की लापरवाही का खुलासा, पात्रों को किया अपात्र, घायल युवक का एक घंटे में बना संबल कार्ड
रिपोर्ट: शैलेन्द्र भटेले, गोहद
गोहद/ भिंड । गोहद की पंचायत एन्हो से बड़ी प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है। यहां संबल योजना और आयुष्मान कार्ड जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ जरूरतमंद पात्र व्यक्तियों तक नहीं पहुंच रहा है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पंचायत की जीआरएस (ग्रामीण रोजगार सहायक) सरिता भदौरिया की लापरवाही और कार्य के प्रति उदासीनता की वजह से कई गरीब और बीमार लोग योजनाओं के लाभ से वंचित रह गए हैं।
गंभीर रूप से घायल युवक का एक घंटे में बना संबल कार्ड
मामले में 29 जुलाई 2024 को एक गंभीर दुर्घटना में घायल युवक का उदाहरण सामने आया है। बताया गया कि अगले ही दिन युवक के लिए संबल कार्ड आवेदन का रजिस्ट्रेशन किया गया, और आश्चर्यजनक रूप से केवल एक घंटे के भीतर जांच पूरी करके कार्ड जारी कर दिया गया। इतना ही नहीं, उसी दिन चार लाख रुपये की मृत्यु सहायता राशि के लिए आवेदन भी कर दिया गया। इस मामले ने पंचायत में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को उजागर कर दिया है।
राजनीतिक प्रभाव का दुरुपयोग
जीआरएस सरिता भदौरिया पर पहले भी कार्य में लापरवाही और पंचायत से अनुपस्थित रहने के आरोप लगते रहे हैं। क्षेत्रीय लोगों की शिकायतों के बाद उन्हें जनपद कार्यालय में अटैच कर दिया गया था। हालांकि, सरिता भदौरिया ने अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए दोबारा पंचायत में तैनाती के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है।
ग्रामीणों का विरोध
ग्रामवासियों ने खुलकर विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि, “ऐसी कर्मचारी हमें नहीं चाहिए जो किसी भी काम की न हो।” पंचायत के कई लोगों ने पहले ही जीआरएस के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन कार्रवाई अभी तक लंबित है।
प्रशासन पर सवाल
इस पूरे मामले ने पंचायत प्रशासन और निगरानी तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गरीब और जरूरतमंदों को योजनाओं का लाभ न दिलाकर, ऐसे कर्मचारियों की अनियमितताओं से सरकारी योजनाओं की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है।
गोहद पंचायत का यह मामला भ्रष्टाचार और लापरवाही का एक गंभीर उदाहरण है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की विस्तृत जांच करे और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।