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गोहद: बिना पंजीयन के 25 वर्षों से संचालित निगौतिया नर्सिंग होम, जाने केसे होता रहा संचालन

प्रशासन मौन, गर्भवती महिलाओं का हो रहा शोषण

गोहद (भिंड)। तहसील के एक चर्चित नर्सिंग होम का गंभीर मामला सामने आया है, जो पिछले 25 सालों से बिना पंजीयन के संचालित हो रहा है। इस नर्सिंग होम में गर्भवती महिलाओं की सोनोग्राफी की जाती है और सैकड़ों महिलाओं का अवैध रूप से गर्भपात किया जा चुका है। यह नर्सिंग होम शहर के प्रतिष्ठित व्यापारी निगौतिया दंपत्ति द्वारा संचालित है, जिन पर पैसे और राजनीतिक प्रभाव के दम पर लोगों की ज़िंदगी से खिलवाड़ करने के आरोप हैं।

प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत पर उठ रहे सवाल

स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अवैध नर्सिंग होम पर कार्यवाही ना होने के पीछे प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत है। आरोप है कि जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) सिर्फ दिखावे के लिए वसूली की कार्यवाही करते हैं, लेकिन इस अवैध गतिविधि को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

राजनीतिक संरक्षण और आर्थिक प्रभाव

निगौतिया दंपत्ति की राजनीतिक पकड़ बेहद मजबूत बताई जाती है। उनका आर्थिक सहयोग भी स्थानीय प्रशासन और प्रभावशाली लोगों को मिलता रहा है, जिससे नर्सिंग होम पर कार्रवाई करने से प्रशासन कतराता रहा।

गंभीर आरोप: सैकड़ों गर्भपात का मामला

जानकारी के अनुसार, इस नर्सिंग होम में सैकड़ों गर्भवती महिलाओं का अवैध रूप से गर्भपात कराया गया है। गर्भपात कराने जैसी अवैध और गंभीर गतिविधियों के बावजूद प्रशासन की चुप्पी से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या यह मामला सिर्फ आर्थिक प्रभाव और राजनीतिक संरक्षण के कारण दबा हुआ है?

प्रशासन से कार्रवाई की मांग

स्थानीय लोगों ने प्रशासन से इस नर्सिंग होम के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इतने लंबे समय से अवैध रूप से चल रहे इस अस्पताल पर अब तक कार्रवाई न होना प्रशासन की भूमिका पर संदेह उत्पन्न करता है।

गर्भपात और अवैध सोनोग्राफी जैसी गतिविधियां कानूनन अपराध हैं, और इस मामले में अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो इसके गंभीर सामाजिक परिणाम हो सकते हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कब जागता है और दोषियों पर कब कार्रवाई करता है।
25 वर्षों से बिना पंजीयन संचालित नर्सिंग होम, प्रशासनिक लापरवाही पर उठे सवाल

जिले की गोहद तहसील में 25 वर्षों से बिना पंजीयन संचालित नर्सिंग होम गंभीर विवादों में घिर गया है। निगौतिया दंपत्ति द्वारा संचालित इस नर्सिंग होम पर गर्भवती महिलाओं की अवैध सोनोग्राफी और गर्भपात जैसे अपराध किए जाने के आरोप हैं। मामले में प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत पर भी सवाल उठ रहे हैं।

भारत में बिना पंजीयन के नर्सिंग होम संचालित करना अपराध

भारत में नर्सिंग होम का बिना पंजीयन संचालन कई कानूनों के अंतर्गत अपराध है, जिनमें शामिल हैं:

1. भारतीय दंड संहिता (IPC) धारा 188 – लोक सेवक के आदेश की अवहेलना।


2. IPC धारा 269 – लापरवाही से जान-माल को खतरे में डालना।


3. IPC धारा 420 – धोखाधड़ी।


4. नर्सिंग होम अधिनियम, 1947 – पंजीयन के बिना संचालन पर रोक।


5. सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिनियम, 1879 – स्वास्थ्य सेवाओं के नियमन की शर्तें।


6. भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1933 – अवैध रूप से चिकित्सा सेवाएं प्रदान करना।



प्रशासन और पुलिस पर मिलीभगत के आरोप

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि प्रशासन और पुलिस की मिलीभगत के कारण नर्सिंग होम के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है। भिंड के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) पर केवल वसूली की कार्रवाई करने का आरोप है। इसके अलावा, राजनीतिक संरक्षण और आर्थिक लाभ के कारण निगौतिया दंपत्ति पर कोई ठोस कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।

अवैध गर्भपात और महिला अधिकारों का उल्लंघन

सूत्रों के अनुसार, इस नर्सिंग होम में सैकड़ों गर्भवती महिलाओं का अवैध गर्भपात किया गया है, जो मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट, 1971 और महिला अधिकारों का उल्लंघन है। इस प्रकार के गर्भपात से महिलाओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा पैदा होता है।

संभावित दंड और कानूनी कार्रवाई

बिना पंजीयन के नर्सिंग होम संचालन और अवैध गतिविधियों के लिए निम्नलिखित कार्रवाई हो सकती है:

जुर्माना और कारावास

नर्सिंग होम का सील करना

लाइसेंस रद्द और चिकित्सा पेशेवरों पर कार्रवाई

अदालती कार्यवाही और पदाधिकारियों पर भी जांच


प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी

स्थानीय लोगों ने इस मामले में तत्काल जांच और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए, तो यह मामला महिलाओं के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर गंभीर खतरा बन सकता है।

निगौतिया नर्सिंग होम का 25 वर्षों से संचालन प्रशासन की निष्क्रियता और मिलीभगत को दर्शाता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले पर कब कार्रवाई करता है और दोषियों को न्याय के कटघरे में कब लाया जाता है।

भिंड सीएमएचओ शिवराम कुशवाह को मोबाइल से संपर्क करनेकी कोशिश की है उनके द्वारा मोबाइल रिसीव नहीं किया गया
वहीं डॉक्टर आर के निगौतिया से उनके नर्सिंग होम का पंजीयन मांगा गया जिसे वह उपलब्ध नहीं करा पाए । जिससे यह साफ हो गया कि यह निगौतिया नर्सिंग होम बिना पंजीयन के लगभग 25 वर्षों से संचालित किया जा रहा हुई। उमस दौरान  कई घटनाओं  को इनके द्वारा पुलिस ओर प्रशासन से सांठगांठ कर के छुपाई गई हैं।

इनका कहना है

नर्सिंग होम का पंजीयन भिंड सीएमएचओ के यहां पर नदिया हुआ है सीएमएचओ के द्वारा देरी की जा रही।  में आपको जल्द ही उपलब्ध कराउंगा।
डा आर के निगौतिया , संचालक निगौतिया नर्सिंग होम गोहद जिला भिंड।

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