भोपाल। वन विभाग के वन रक्षकों के वेतन से वसूली के मामले में सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए इसे पूरी तरह से निरस्त कर दिया है। अब वन रक्षकों के वेतन से किसी भी प्रकार की वसूली नहीं की जाएगी, भले ही उन्हें वेतन निर्धारण की प्रक्रिया के चलते अधिक वेतन मिला हो। इस आदेश का स्वागत मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच, वन विभाग ने किया है।
प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने अपनी प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वित्त विभाग के निर्देशानुसार, वन रक्षकों को तृतीय श्रेणी कर्मचारी के रूप में ₹5680 के वेतनमान और ₹1900 के ग्रेड पे का लाभ दिया जा रहा था। लेकिन, 10 साल बाद वित्त विभाग ने इसे पदोन्नति का पद बताते हुए कहा कि यह सीधी भर्ती का पद नहीं है। इसके चलते लाखों रुपये की वसूली शुरू कर दी गई थी।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने इस वसूली का कड़ा विरोध किया। इसके परिणामस्वरूप पहले वन मुख्यालय ने वसूली पर रोक लगाई और अब राज्य सरकार ने स्पष्ट आदेश जारी कर दिया है कि वन रक्षकों के वेतन से कोई वसूली नहीं होगी।
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने सरकार के इस निर्णय को कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत बताया है और इसे न्यायपूर्ण कदम कहा है।