नई दिल्ली | सरकारी पेंशन न्यूज़ 2025 — नई पेंशन योजना (NPS) और यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) को देश और कर्मचारियों के हित में बताने वालों पर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली मोर्चा (NMOPS) के राष्ट्रीय सोशल मीडिया प्रभारी हीरानंद नरवरिया ने सीधा सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा, “पेंशन के बारे में झूठ बोलना बंद किया जाए और OPS (पुरानी पेंशन योजना) को तत्काल प्रभाव से बहाल किया जाए।”
NPS-UPS को लेकर नेताओं और अर्थशास्त्रियों से जवाब मांगते हुए नरवरिया ने कहा:
> “अगर NPS और UPS सच में देशहित और कर्मचारियों के लिए फायदेमंद योजनाएं हैं, तो क्या कारण है कि आज तक सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जज, संवैधानिक पदों पर बैठे नेता या पुरानी पेंशन के दायरे में आने वाले अधिकारी खुद अपनी इच्छा से इन योजनाओं को अपनाने आगे क्यों नहीं आए?”
क्या NPS-UPS वास्तव में कॉर्पोरेट हित में हैं?
हीरानंद नरवरिया ने नई पेंशन योजना को कॉर्पोरेट हितैषी करार देते हुए कहा कि यह न तो कर्मचारियों के हित में है और न ही राष्ट्र के हित में। उनका स्पष्ट कहना है कि OPS (Old Pension Scheme) ही वह नीति है, जो सामाजिक सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता और कर्मचारियों के भविष्य की गारंटी देती है।
100% कर्मचारी OPS बहाली के समर्थक – NMOPS
नरवरिया ने दावा किया कि देशभर के 100% सरकारी कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना की हूबहू बहाली के पक्ष में हैं। उन्होंने सरकार से अपील की कि कर्मचारी हितों की अनदेखी बंद होनी चाहिए और पेंशन व्यवस्था को न्यायसंगत बनाते हुए OPS को फिर से लागू किया जाए।
OPS बनाम NPS विवाद गहराया
वर्तमान में OPS vs NPS की बहस देश में नीतिगत और सामाजिक बहस का केंद्र बन चुकी है। सरकारी कर्मचारी संगठन, शिक्षक संघ, और रिटायर्ड अधिकारी लगातार OPS की वापसी की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। NMOPS जैसे संगठन इस संघर्ष को राष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ा रहे हैं।
पेंशन सिस्टम पर NMOPS का तीखा वार: “पेंशन के बारे में झूठ बोलना बंद किया जाए” : हीरानंद नरवरिया
