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महाकुंभ 2025: रेलवे की ऐतिहासिक भूमिका, 3.6 करोड़ श्रद्धालुओं ने ट्रेन यात्रा का लाभ लिया

14,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन, तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए विशेष प्रबंध

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 को दिव्य और भव्य बनाने में भारतीय रेलवे ने अग्रणी भूमिका निभाई है। इस महाकुंभ आयोजन में अब तक 3.6 करोड़ श्रद्धालुओं को रेलवे के माध्यम से कुंभ क्षेत्र तक पहुंचाया गया, जिससे यह आयोजन एक ऐतिहासिक और सुव्यवस्थित परिवहन मॉडल बन गया।

महाकुंभ में रेलवे की विशेष भूमिका:

14,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन
92% ट्रेनें मेल, एक्सप्रेस, सुपरफास्ट, पैसेंजर और मेमो श्रेणी की रही
472 राजधानी और 282 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें कुंभ सेवा में लगीं
50% ट्रेनें उत्तर प्रदेश से, 11% दिल्ली से, 10% बिहार से, और अन्य राज्यों से 3-6% ट्रेनें आईं

तीर्थयात्रियों के लिए विशेष व्यवस्थाएं:

भीड़ नियंत्रण और सुचारू आवागमन के लिए विशेष आपातकालीन योजना लागू
एक ही रूट और स्टेशनों पर दबाव कम करने के लिए अतिरिक्त ट्रेनें
कुंभ क्षेत्र से 3,468 विशेष ट्रेनें चलाई गईं
8,211 नियमित ट्रेनों से श्रद्धालुओं ने यात्रा की
2,008 ट्रेनों का संचालन अन्य राज्यों से प्रयागराज के लिए किया गया

प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर 5,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन

महाकुंभ 2025 के दौरान, प्रयागराज के 9 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए। अकेले प्रयागराज जंक्शन पर ही 5,000 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया गया, जिससे लाखों यात्रियों को सुगम यात्रा का अनुभव मिला।

रेलवे का ऐतिहासिक योगदान:

महाकुंभ के लिए विशेष ट्रेनों की संख्या और प्रबंधन एक अनूठा रिकॉर्ड बना।
देशभर से तीर्थयात्रियों की अनुमानित संख्या के आधार पर रेलवे ने प्रभावी रणनीति अपनाई।
आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों की भीड़ को संभालने के लिए त्वरित उपाय किए गए।

महाकुंभ 2025 में भारतीय रेलवे की यह ऐतिहासिक भूमिका आने वाले आयोजनों के लिए एक मिसाल बन गई है।

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