भोपाल, । अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल में होलिका दहन समारोह का भव्य आयोजन किया गया। संस्थान के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम ने सांस्कृतिक समरसता, सकारात्मक ऊर्जा और एकता का संदेश दिया।
होली: केवल रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि सच्चाई की जीत का प्रतीक
प्रो. सिंह ने इस अवसर पर कहा, “होली सिर्फ रंगों का त्योहार नहीं, बल्कि यह सकारात्मकता, आपसी भाईचारे और संस्कृति को संरक्षित करने का पर्व है। एम्स भोपाल में आयोजित होलिका दहन हमारे मूल्यों को संजोने और सच्चाई की जीत का जश्न मनाने का अवसर है।”
समारोह में उमड़ा उल्लास
छात्रों, संकाय सदस्यों और निवासियों ने एक साथ मिलकर आयोजन को विशेष बनाया।सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ होलिका दहन संपन्न हुआ। इस आयोजन ने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से जुड़े लोगों को उनके व्यस्त जीवन से परे आकर एकजुट होने का अवसर दिया।
होलिका दहन का महत्व:
सत्य की असत्य पर जीत का प्रतीक।
नकारात्मकता को जलाकर नई ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार।
सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं को जीवंत बनाए रखने का माध्यम।
एम्स भोपाल में उत्सवों का महत्व
एम्स भोपाल केवल चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यहां छात्रों और संकाय सदस्यों को सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। इस तरह के आयोजन एक सकारात्मक वातावरण बनाने और टीम वर्क की भावना को बढ़ावा देने में सहायक होते हैं।
होली का यह शुभ अवसर हमें यह सिखाता है कि हम जीवन में सकारात्मकता को अपनाएं और बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश फैलाएं।
एम्स भोपाल में होलिका दहन समारोह: एकता, सकारात्मकता और सांस्कृतिक समरसता का संदेश
