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भिंड: पुलिस प्रशासन की नाक के नीचे कैसे चलते हैं ओवरलोड रेत के अवैध वाहन?

संवाददाता : शैलेंद्र भटेले
भिंड। जिले में रेत माफियाओं पर नकेल कसने की प्रशासनिक कोशिशें कमजोर पड़ती दिख रही हैं। जहां एक ओर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव रेत माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई में जुटे हैं, वहीं गोहद थाना रेत कारोबारियों के लिए संरक्षक के रूप में कार्य करता नजर आ रहा है।

संवाददाता ने वसूली का खुलासा किया

कल चितौरा में संवाददाता ने रेत ट्रैक्टर चालक और वसूली एजेंट के बीच विवाद होते देखा। जब संवाददाता ने इस वाकये की तस्वीर ली, तो मामला सामने आया कि चालक 300 रुपये दे रहा था, जबकि वसूली एजेंट 500 रुपये की मांग कर रहा था।

सूत्रों का कहना है कि गोहद थाना क्षेत्र में महीनों से अवैध वसूली चल रही है, जिसमें हर दिन लगभग 30 से 40 हजार रुपये उगाहे जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का दावा है कि इससे पहले पूर्व थानाप्रभारियों – गोपाल सिकरवार, राजेश शातंकर, राजेश शर्मा और राजकुमार शर्मा – के कार्यकाल में इस तरह की वसूली की अनुमति नहीं थी।

थानाप्रभारी मनीष धाकड़ पर गंभीर आरोप

गोहद थाना के मौजूदा प्रभारी मनीष धाकड़ पर वसूली को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं। कई ट्रैक्टर चालकों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि धाकड़ के करीबी पुलिसकर्मी धर्मेंद्र जाटव इस वसूली का संचालन करते हैं और हर शाम जमा रकम थानाप्रभारी तक पहुंचाई जाती है। हालांकि, थानाप्रभारी मनीष धाकड़ ने इन आरोपों को औपचारिक रूप से खारिज कर दिया है।

क्या एसडीओपी सौरभ कुमार करेंगे कार्रवाई?

अब सवाल उठता है कि गोहद में चल रही इस अवैध वसूली पर एसडीओपी सौरभ कुमार क्या कदम उठाएंगे। क्या वे इस मामले को गंभीर मानकर दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेंगे, या फिर यह मामला भी रफा-दफा कर दिया जाएगा?

इस घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं और यह देखने की बात होगी कि प्रशासन इन आरोपों का कैसे समाधान करता है।

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