Lसार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान को नई दिशा देने के लिए प्रतिष्ठित डीएचआर-आईसीएमआर एमडी/एमएस थीसिस अनुदान से सम्मानित
भोपाल। एम्स भोपाल की एमडी छात्रा डॉ. वैष्णवी गवांडे को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद द्वारा डीएचआर-आईसीएमआर एमडी/एमएस थीसिस अनुदान से सम्मानित किया गया है। उनका शोध “भोपाल जिले में दिव्यांग व्यक्तियों में बहु-रोगता (मल्टी-मॉरबिडिटी) पर एक मिश्रित पद्धति अध्ययन” विषय पर केंद्रित है। इस शोध का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों में विभिन्न रोगों की प्रवृत्ति और स्वास्थ्य देखभाल तक उनकी पहुंच को समझना है, जिससे भविष्य में साक्ष्य-आधारित नीतियों और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार किया जा सके।
📌 शोध का मार्गदर्शन करने वाले विशेषज्ञ:
🔹 डॉ. पंकज प्रसाद (अतिरिक्त प्रोफेसर, सामुदायिक और परिवार चिकित्सा विभाग)
🔹 डॉ. अनिंदो मजूमदार
🔹 डॉ. दीप्ति डाबर
🔹 डॉ. विठ्ठल पुरी (एसोसिएट प्रोफेसर, फिजिकल मेडिसिन एंड रिहैबिलिटेशन विभाग)
शोध के प्रमुख उद्देश्य
दिव्यांग व्यक्तियों में बहु-रोगता के पैटर्न और कारणों का अध्ययन।
स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच, विश्वास और अनुभवों का विश्लेषण।
बहु-रोगता वाले और बिना बहु-रोगता वाले दिव्यांग व्यक्तियों के दैनिक जीवन की गतिविधियों पर निर्भरता का मूल्यांकन।
नए सार्वजनिक स्वास्थ्य हस्तक्षेपों और नीतियों के लिए वैज्ञानिक आधार तैयार करना।
यह अध्ययन सामुदायिक स्वास्थ्य और विकलांगता अध्ययन के क्षेत्र में बड़ा योगदान देगा और विकलांग व्यक्तियों के लिए स्वास्थ्य देखभाल नीतियों को सशक्त बनाएगा।
एम्स भोपाल की स्वास्थ्य अनुसंधान में अग्रणी भूमिका
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने डॉ. वैष्णवी गवांडे को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई देते हुए कहा:
आईसीएमआर अनुदान मिलना एम्स भोपाल की सार्वजनिक स्वास्थ्य अनुसंधान को प्रोत्साहित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह शोध दिव्यांग व्यक्तियों की स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डालेगा और साक्ष्य-आधारित नीतियों के निर्माण में सहायक होगा। एम्स
एम्स भोपाल की एमडी छात्रा डॉ. वैष्णवी गवांडे को आईसीएमआर अनुदान, दिव्यांग व्यक्तियों में बहु-रोगता पर करेंगी शोध
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