भोपाल: मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग के क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों में लंबे समय से परिवहन उपायुक्त की नियुक्ति नहीं होने के कारण यात्री वसों के स्थाई परमिट की प्रक्रिया रुकी हुई है। स्थाई परमिट न मिलने के कारण संचालक अस्थाई परमिट पर वाहन चला रहे हैं, लेकिन आर.टी.ओ. द्वारा अस्थाई परमिट जारी करना भी बंद कर दिया गया है, जिससे वस संचालकों और कर्मचारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है।
प्रदेश की अधिकांश वस यूनियनें सरकार और प्रशासन से कई बार आग्रह कर चुकी हैं, लेकिन अब तक इस मुद्दे का समाधान नहीं निकला है। मध्यप्रदेश ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन इंटक के प्रदेश महासचिव प्रवेश मिश्रा ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि वस संचालक, जो हर महीने सरकार को सैकड़ों करोड़ रुपये टैक्स के रूप में देते हैं, सरकार के इस रवैये से निराश हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जनता भी इस समस्या से परेशान है।
फेडरेशन महासचिव ने चेतावनी दी है कि यदि 7 दिनों के भीतर वस संचालकों की समस्याओं का स्थाई समाधान नहीं हुआ, तो 17 फरवरी 2025 से मध्यप्रदेश के वस संचालक और कर्मचारी भोपाल में अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू करेंगे। यदि फिर भी सरकार ने उनकी मांगें नहीं मानी, तो बजट सत्र के दौरान सभी वस संचालक और कर्मचारी वसों का संचालन बंद करके मध्यप्रदेश विधानसभा का घेराव करेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि आंदोलन, हड़ताल और घेराव उनकी इच्छा नहीं, बल्कि मजबूरी है। फेडरेशन ने सरकार से पुनः अनुरोध किया है कि मध्यप्रदेश के सभी क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरणों में स्थाई और अस्थाई परमिट प्रक्रिया को पारदर्शिता के साथ फिर से शुरू किया जाए, और अन्य समस्याओं का समाधान शीघ्र किया जाए।
मध्यप्रदेश: वस संचालकों की समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो विधानसभा का घेराव करेंगे संचालक/कर्मचारी
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