सारंगपुर । मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के सारंगपुर तहसील में अवैध रेत खनन के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की गई। आज, 8 अगस्त 2024 को सुबह 11:45 बजे, नायब तहसीलदार और कार्यपालिक मजिस्ट्रेट सुरेश सिंह संडावता, सरकारी वाहन से संडावता टप्पा कार्यालय जा रहे थे। इसी दौरान, हराना जोड़ पर उन्होंने देखा कि दो ट्रैक्टर ट्रॉलियाँ, जिनमें से एक भ्याना और दूसरी हराना की ओर जा रही थीं, रेत ले जा रही थीं। एनजीटी द्वारा रेत खनन पर रोक के बावजूद ये गतिविधि हो रही थी।
नायब तहसीलदार ने दोनों ट्रैक्टर ट्रॉलियों को रोककर ड्राइवरों से रेत खनन या परिवहन के दस्तावेज मांगे। ड्राइवर पवन भिलाला और नीरज, दोनों निवासी खजुरिया घाटा, ने बताया कि उनके पास कोई दस्तावेज नहीं हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि वे कालीसिंध नदी से अवैध रूप से रेत खनन कर भ्याना और हराना के लिए विक्रय करने जा रहे थे। दोनों ड्राइवरों ने यह भी बताया कि वे कई दिनों से प्रतिदिन 8-10 ट्रैक्टर ट्रॉलियाँ रेत खनन कर रहे हैं।
ट्रैक्टर ट्रॉलियाँ बिना नंबर प्लेट और वैध दस्तावेजों के पाई गईं, और ड्राइवरों के पास लाइसेंस भी नहीं था। इस पर, नायब तहसीलदार ने तुरंत थाना लीमाचौहान को सूचना दी। ट्रैक्टर ट्रॉलियाँ मौके से भागने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन पुलिस बल की मदद से उन्हें पकड़ लिया गया और सुरक्षा के लिए थाना लीमाचौहान लाया गया।
दोनों ट्रैक्टर ट्रॉलियों के खिलाफ मोटरयान अधिनियम के तहत कार्यवाही की जा रही है। तहसीलदार मनोज कुमार शर्मा के अनुसार, ग्राम खजुरिया घाटा में अवैध रेत खनन के बड़े भंडार की सूचना मिली थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। अब इस मामले में सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।