उत्तर प्रदेश: आजमगढ़ में आदिवासी किशोरी से महीनों से हो रहा था दुराचार, थानाप्रभारी पर लापरवाही का आरोप, पीड़ित परिवार न्याय को तरसा

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले से महिला सुरक्षा और पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाला एक गंभीर मामला सामने आया है। जिले के मेहनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत एक आदिवासी परिवार की नाबालिग बेटी के साथ कथित रूप से कई महीनों से दुराचार किया जा रहा है। पीड़ित परिवार ने बार-बार मेहनगर थाने में शिकायत दर्ज कराने की कोशिश की, लेकिन थानाप्रभारी द्वारा उन्हें हर बार दुत्कार कर भगा दिया गया।

परिवार का आरोप है कि उन्होंने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आदिवासी दंपत्ति का कहना है कि उनकी बेटी को लगातार शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की उदासीनता ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।

इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस प्रशासन की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। क्या प्रदेश में गरीब और आदिवासी समुदाय की बेटियों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं है? क्या न्याय की मांग करना अब आमजन के लिए एक संघर्ष बन गया है?

सोशल मीडिया पर यह मामला तेजी से वायरल हो रहा है और लोगों में आक्रोश है। यूज़र्स लगातार @Uppolice और उच्च अधिकारियों से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या पुलिस प्रशासन इस मामले में कोई त्वरित और कठोर कदम उठाएगा या फिर यह मामला भी अन्य मामलों की तरह फाइलों में दबकर रह जाएगा।

यह घटना न केवल महिला सुरक्षा बल्कि आदिवासी अधिकारों, पुलिस जवाबदेही और न्यायिक पारदर्शिता पर भी बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। जनता की अपेक्षा है कि दोषियों को सख्त सजा मिले और थानाप्रभारी के खिलाफ उचित विभागीय जांच कर कठोर कार्रवाई की जाए।

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