खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के लिए प्रस्तावित मिलिंग नीति पर खाद्य मंत्री ने मिलर्स से की चर्चा
भोपाल। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि समय पर और गुणवत्तापूर्ण मिलिंग करने वाले मिलर्स को प्रोत्साहित किया जाएगा। हालांकि, गुणवत्ता को लेकर किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा और आवश्यकतानुसार सख्ती बरती जाएगी। मंत्री राजपूत ने यह बात खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 की प्रस्तावित मिलिंग नीति पर चर्चा के दौरान कही। उन्होंने मिलर्स को आश्वासन दिया कि उनके सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि मिलर्स की सहूलियत के लिए वेयरहाउस, नॉन और खाद्य संचालनालय में नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएंगे। इन अधिकारियों के जरिए मिलर्स को सभी आवश्यक सहयोग प्रदान किया जाएगा। साथ ही, मिलर्स को साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने का निर्देश दिया गया।
नोडल एजेंसी के जरिए होगा उपार्जन का कार्य
खाद्य मंत्री ने जानकारी दी कि इस वर्ष उपार्जन का कार्य न केवल नागरिक आपूर्ति निगम बल्कि एनसीसीएफ और केंद्रीय भंडारण निगम के माध्यम से भी किया जाएगा। किसानों की समस्याओं के समाधान और समन्वय के लिए खाद्य आयुक्त के देखरेख में मिलिंग नीति 2024-25 का प्रारूप तैयार किया जाएगा। इसके तहत समय सीमा में मिलिंग का कार्य पूरा करने की सभी कार्रवाई खाद्य आयुक्त की निगरानी में होगी।
उपार्जन केंद्रों में मॉइस्चर मीटर की सुविधा
धान की नमी मापने के लिए उपार्जन केंद्रों पर मॉइस्चर मीटर उपलब्ध कराए जाएंगे। एफएक्यू (Fair Average Quality) के मानकों के आधार पर धान की खरीद होगी। मंत्री ने मिलर्स से आग्रह किया कि वे उपार्जन केंद्रों से सीधे धान उठाएं ताकि परिवहन और भंडारण व्यय में कमी लाई जा सके।
लंबित भुगतान और अपग्रेडेशन राशि पर कार्रवाई
मंत्री राजपूत ने कहा कि मिलर्स के लंबित भुगतान और अपग्रेडेशन राशि के मुद्दों का जल्द समाधान किया जाएगा। साथ ही, भारतीय खाद्य निगम को चावल परिदान की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए मिलर्स को उनकी मिलिंग क्षमता के अनुसार पोर्टल पर जानकारी दर्ज करनी होगी।
दोगुनी मात्रा में चावल परिदान की योजना
खाद्य आयुक्त सिबी चक्रवर्ती ने बताया कि इस वर्ष पिछले वर्षों की तुलना में दोगुनी मात्रा में चावल का परिदान भारतीय खाद्य निगम को किया जाना है। इसी के तहत पंजीकृत मिलर्स की क्षमता के अनुसार चावल परिदान की योजना बनाई जाएगी।
बैठक में एमडी नागरिक आपूर्ति निगम पी.एन. यादव ने प्रस्तावित मिलिंग नीति 2024-25 के प्रावधानों पर प्रकाश डाला। प्रमुख सचिव खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण श्रीमती रश्मि अरुण शमी, संचालक खाद्य सिबी चक्रवर्ती, अन्य अधिकारी, और मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधि भी इस चर्चा में शामिल रहे।
प्रस्तावित मिलिंग नीति का उद्देश्य न केवल मिलर्स को प्रोत्साहित करना है, बल्कि किसानों और एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित कर समय पर उच्च गुणवत्ता वाले चावल का परिदान सुनिश्चित करना भी है।