भारतीय रेल ने रचा नया इतिहास: वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7,134 कोचों का निर्माण

कोच निर्माण में भारत की नई ऊंचाई

भोपाल । भारतीय रेल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7,134 कोचों का निर्माण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह संख्या पिछले वर्ष के 6,541 कोच उत्पादन की तुलना में 9% अधिक है। भारतीय रेलवे की इस उपलब्धि से यात्री सुविधाओं में बड़ा सुधार होगा, जिससे यात्रा अधिक सुरक्षित, आरामदायक और कुशल बनेगी।

नॉन एसी कोचों के उत्पादन में वृद्धि

रेलवे ने आम यात्रियों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए गैर वातानुकूलित (नॉन एसी) कोचों के उत्पादन को प्राथमिकता दी है। इस लक्ष्य के तहत पिछले वित्त वर्ष में 4,601 नॉन एसी कोचों का निर्माण किया गया।

तीन प्रमुख कोच निर्माण इकाइयों की शानदार उपलब्धि

भारतीय रेलवे की कोच निर्माण इकाइयों ने वर्ष 2024-25 में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की:

1. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF), चेन्नई: 3,007 कोच (2023-24 में 2,829 कोच, वृद्धि: 178 कोच)


2. रेल कोच फैक्ट्री (RCF), कपूरथला: 2,102 कोच (2023-24 में 1,901 कोच, वृद्धि: 201 कोच)


3. मॉडर्न कोच फैक्ट्री (MCF), रायबरेली: 2,025 कोच (2023-24 में 1,684 कोच, वृद्धि: 341 कोच)



2014 से 2024 के बीच कोच उत्पादन में भारी उछाल

भारतीय रेलवे के कोच उत्पादन में पिछले एक दशक में जबरदस्त वृद्धि हुई है।

2004-2014: प्रति वर्ष औसतन 3,300 कोच

2014-2024: कुल 54,809 कोचों का उत्पादन, औसतन 5,481 कोच प्रति वर्ष


इससे स्पष्ट है कि भारतीय रेल आत्मनिर्भरता की ओर तेज़ी से बढ़ रही है।

‘मेक इन इंडिया’ पहल को नई ऊंचाई

रेलवे के इस जबरदस्त उत्पादन ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल को और मजबूत किया है। यह उपलब्धि न केवल आयात पर निर्भरता कम करने में सहायक है, बल्कि भारतीय रेल को विश्व स्तरीय कोच निर्माता के रूप में स्थापित कर रही है।

आधुनिक कोचों से यात्रियों को मिलेगा बेहतर अनुभव

भारतीय रेलवे द्वारा निर्मित नवीनतम तकनीक से लैस आधुनिक कोच यात्रियों को अधिक सुविधा, सुरक्षा और आराम प्रदान कर रहे हैं। इसके साथ ही, नए कोचों की बढ़ती संख्या से ट्रेनों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है, जिससे अधिक यात्रियों को लाभ मिलेगा।

भारतीय रेलवे की यह उपलब्धि न केवल देश के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है।

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