स्वच्छता में नवाचार: भानपुर डंपसाइट को गोल्फ कोर्स में बदलकर भोपाल बना स्वच्छता का आदर्श शहर

भोपाल*: भोपाल नगर निगम ने टिकाऊ शहरी नियोजन के एक बेहतरीन उदाहरण के रूप में भानपुर डंपसाइट को एक खूबसूरत गोल्फ कोर्स में बदल दिया है। यह कदम न केवल स्वच्छता के प्रति निगम की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि शहर के सौंदर्य और पर्यावरणीय स्थिरता में भी योगदान दे रहा है। भोपाल में प्रतिदिन 850 टन कचरा उत्पन्न होता है, जिसे वैज्ञानिक तरीकों से संसाधित किया जाता है। अब पारंपरिक अपशिष्ट प्रबंधन को पीछे छोड़ते हुए भोपाल नगर निगम खतरनाक कचरे को ईंधन के रूप में उपयोग कर रहा है।

### स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में भोपाल का प्रदर्शन
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 में भोपाल ने 1 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में 5वां स्थान हासिल किया है। इसके साथ ही भोपाल को 5-स्टार कचरा मुक्त शहर (GFC) का दर्जा भी मिला, जिससे यह देश की सबसे स्वच्छ राज्य राजधानी बन गया। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में भोपाल 5वें स्थान पर है, जो शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार का प्रमाण है।

### अपशिष्ट प्रबंधन में तकनीकी सुधार
भोपाल नगर निगम ने अपशिष्ट प्रबंधन में कई नवाचार किए हैं, जिनमें सी एंड डी (कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन) कचरे की रीसाइक्लिंग, सीएनजी से चलने वाले कचरा संग्रह वाहन, और 3आर (रीड्यूस, रीयूज, रीसायकल) की पहल शामिल हैं। शहर में 469 डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण वाहन तैनात किए गए हैं, जो प्रभावी तरीके से कचरे को ट्रांसफर स्टेशनों तक पहुंचाते हैं।

### भानपुर डंपसाइट का कायाकल्प
37 एकड़ में फैली भानपुर डंपसाइट को वैज्ञानिक तरीके से उपचारित कर 21 एकड़ भूमि प्राप्त की गई, जिसमें से 6 एकड़ पर उद्यान विकसित किया गया है। नगर निगम के इस कदम से शहर का सौंदर्य और आकर्षण बढ़ा है। भोपाल ने हज़ार्ड गो इंडस्ट्री पीथमपुर के साथ मिलकर खतरनाक कचरे के प्रबंधन के लिए पहला प्री-प्रोसेसिंग प्लांट भी स्थापित किया है।

### निर्माण और विध्वंस कचरे का पुनर्चक्रण
भोपाल के थुआखेड़ा में 100 TPD क्षमता वाले प्लांट में सी एंड डी कचरे का प्रबंधन किया जा रहा है। यहां कचरे से फ्लाई ऐश ईंटें और पेवर ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा, शहर में 18 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) और 8 सह-उपचार संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जो अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण कर विभिन्न उद्देश्यों में उपयोग सुनिश्चित करते हैं।

### बायो-सीएनजी और चारकोल संयंत्र की स्थापना
भोपाल में 400 TPD क्षमता वाला बायो-सीएनजी प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जो 9 एकड़ भूमि में फैला है। इससे प्रतिदिन 80 मीट्रिक टन जैविक खाद का उत्पादन होगा। साथ ही, एनटीपीसी ने 400 TPD सूखे ठोस अपशिष्ट से टोरिफाइड चारकोल संयंत्र स्थापित करने के लिए नगर निगम के साथ समझौता किया है, जिससे उत्पादित चारकोल का उपयोग ताप विद्युत संयंत्रों में सह-उत्पाद के रूप में किया जाएगा।

भोपाल नगर निगम स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार नवाचार कर रहा है और कचरा मुक्त शहर की दिशा में अपने प्रयास जारी रखे हुए है। यह कदम न केवल शहर की स्वच्छता को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं, बल्कि दूसरे शहरों के लिए भी एक मिसाल पेश कर रहे हैं।

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