ओंकारेश्वर में देश के सबसे बड़े तैरते सोलर पावर प्लांट का निरीक्षण, ग्रीन एनर्जी में मील का पत्थर साबित होगा: राकेश शुक्ला
भोपाल: मध्य प्रदेश के नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने गुरुवार को देश के सबसे बड़े तैरते सोलर पावर प्लांट का निरीक्षण किया। यह महत्वाकांक्षी परियोजना ओंकारेश्वर बांध पर विकसित की जा रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ग्रीन एनर्जी विज़न को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह प्लांट 600 मेगावाट की कुल क्षमता के साथ दुनिया के सबसे बड़े तैरते सोलर पावर पार्कों में से एक है। फिलहाल 90 मेगावाट क्षमता का पहला चरण कार्यान्वित हो चुका है।
दो चरणों में पूरा होगा निर्माण
मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि यह परियोजना प्रधानमंत्री मोदी के ग्रीन एनर्जी विज़न का एक अहम हिस्सा है, जिसे दो चरणों में पूरा किया जा रहा है। पहले चरण में 278 मेगावाट की क्षमता वाले तैरते सोलर प्लांट्स विकसित किए जा रहे हैं, जबकि शेष क्षमता का प्लांट दूसरे चरण में स्थापित किया जाएगा।
एनएचडीसी द्वारा 88 मेगावाट क्षमता का प्लांट तैयार किया जा रहा है।
एएमपी एनर्जी 100 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट का निर्माण कर रही है।
एसजेवीएन ने 90 मेगावाट क्षमता का तैरता प्लांट विकसित किया है।
ग्रीन एनर्जी में मील का पत्थर
मंत्री शुक्ला ने कहा कि यह तैरता सोलर पावर प्लांट मध्य प्रदेश को स्वच्छ ऊर्जा में अग्रणी बनाने में मदद करेगा और देश के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों की प्राप्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह परियोजना न केवल बिजली उत्पादन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने की दिशा में एक नई पहल भी है।
ओंकारेश्वर सोलर पार्क: भविष्य के लिए ऊर्जा समाधान
तैरते सोलर पावर प्लांट्स पानी पर स्थापित होते हैं, जिससे भूमि का उपयोग किए बिना सस्ती और साफ ऊर्जा का उत्पादन किया जा सकता है। यह प्रोजेक्ट पर्यावरण संरक्षण और जलाशयों के सतत उपयोग का आदर्श उदाहरण है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की परियोजनाएं आने वाले वर्षों में ऊर्जा क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगी।