एम्स भोपाल में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘सोपीकॉन (SOPICON) 2025’ का समापन, रोगी सुरक्षा और फार्माकोविजिलेंस पर चर्चा

रोगी सुरक्षा और फार्माकोविजिलेंस पर महत्वपूर्ण सम्मेलन

300 से अधिक विशेषज्ञों, शोधकर्ताओं और छात्रों ने लिया हिस्सा

स्वस्थ्य उत्पादों के सुरक्षित उपयोग पर गहन विचार-विमर्श


भोपाल: एम्स भोपाल में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ‘सोपीकॉन (SOPICON) 2025’ का सफल समापन हुआ। यह सम्मेलन एम्स के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में फार्माकोलॉजी विभाग और सोसाइटी ऑफ फार्माकोविजिलेंस, इंडिया (SOPI) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। 5 से 7 फरवरी तक आयोजित इस सम्मेलन में 300 से अधिक विशेषज्ञ, शोधकर्ता, उद्योग विशेषज्ञ और छात्र शामिल हुए। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य मेडिसिन, मेडिकल उपकरण, वैक्सीन्स और अन्य स्वास्थ्य उत्पादों के सुरक्षित उपयोग के माध्यम से रोगी सुरक्षा को बढ़ाना था।

प्रो. अजय सिंह ने सम्मेलन के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “रोगी सुरक्षा, प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल की नींव है। सोपीकॉन 2025 ने नवाचार को बढ़ावा देने, विशेषज्ञता साझा करने और स्वास्थ्य देखभाल प्रक्रियाओं को सुरक्षित बनाने के लिए एक अनूठा मंच प्रदान किया है, जो न केवल स्वास्थ्य पेशेवरों बल्कि मरीजों और समुदायों के लिए भी फायदेमंद है।”

फार्माकोलॉजी विभाग के प्रमुख और आयोजन अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) बालकृष्णन एस ने सम्मेलन की व्यापकता पर चर्चा करते हुए कहा कि यह सम्मेलन दवाओं, चिकित्सा उपकरणों, वैक्सीन्स, और अन्य स्वास्थ्य उत्पादों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी केंद्रित है। डब्ल्यूएचओ जिनेवा में फार्माकोविजिलेंस की टीम लीड डॉ. शांति पाल ने उद्घाटन सत्र में फार्माकोविजिलेंस के वैश्विक महत्व और इसके बढ़ते हुए दायरे पर प्रकाश डाला।

इस दौरान, प्रो. (डॉ.) रतींदर झाज और प्रो. (डॉ.) शिल्पा कौरे द्वारा समन्वित सत्रों में फार्माकोविजिलेंस, जोखिम आकलन और इकोफार्माकोविजिलेंस जैसे विषयों पर गहन चर्चा हुई। कार्यक्रम में कर्नल (डॉ.) अजीत कुमार, प्रो. (डॉ.) बर्था रथिनम, और SOPI के वरिष्ठ पदाधिकारी भी उपस्थित थे।

सम्मेलन के अंतिम दिन दवा विकास, नियमन और फार्माकोविजिलेंस के भविष्य पर गहन विचार-विमर्श हुआ। डॉ. अजय शुक्ला, डॉ. अहमद नजमी, और डॉ. शुभम अटल के समन्वयन में आयोजित प्रतियोगिताओं में 35 से अधिक मौखिक प्रस्तुतियां और 125 पोस्टर प्रस्तुतियां शामिल थीं, जिनमें उभरते शोधकर्ताओं ने अपनी नवाचारी खोजों का प्रदर्शन किया।

सम्मेलन का समापन एक शानदार वैलिडिक्टरी समारोह और पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। प्रो. (डॉ.) बालकृष्णन एस ने समापन टिप्पणी दी और SOPI के महासचिव प्रो. जियाउर रहमान ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।

सोपीकॉन 2025 ने रोगी सुरक्षा, फार्माकोविजिलेंस और स्वस्थ्य उत्पादों के सुरक्षित उपयोग को लेकर गहरी समझ विकसित करने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान किया, जो वैश्विक स्वास्थ्य परिदृश्य में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

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