भोपाल: जल संसाधन विभाग में प्रमुख पदों पर नियुक्ति की अनियमितताएं

भोपाल में विकास से जुड़े जल संसाधन विभाग में विभाग प्रमुख के पद पर वरिष्ठ स्थायी अधीक्षण इंजीनियरों को कार्यभार नहीं सौंपे जाने की खबर है, जबकि विभाग में इस पद के लिए योग्य लगभग 10 अधीक्षण यंत्री स्थायी रूप से कार्यरत हैं, जिनकी सेवा 12 वर्ष से अधिक हो चुकी है। इसके अलावा, तकनीकी सचिव एवं प्रमुख अभियंता जल संसाधन के साथ-साथ नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में मेम्बर इंजीनियर के पद भी वरिष्ठ अधिकारियों/इंजीनियरों को नहीं सौंपे गए हैं।

सेवा निवृत्त अधीक्षण यंत्रियों को संविदा पर रखकर प्रमुख अभियंता के पद का प्रभार दिए जाने की नियम विरुद्ध प्रक्रिया पर भी प्रश्न उठ रहे हैं। विशेष रूप से, जनजाति वर्ग के अधीक्षण यंत्रियों के साथ कथित रूप से सौतेला व्यवहार किए जाने की चर्चा है।

इस विसंगति को दूर करने की मांग की जा रही है, जिससे नियमानुसार जल संसाधन विभाग एवं नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण में वरिष्ठ स्थायी अधीक्षण इंजीनियरों को तकनीकी सचिव का प्रभार सौंपा जा सके।

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