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डिप्टी रजिस्ट्रार की अनियमितता उजागर: एनएसयूआई ने निलंबन और जांच समिति गठित करने की मांग की

भोपाल – मध्यप्रदेश नर्सिंग काउंसिल में प्रशासनिक अनियमितताओं का एक और बड़ा मामला सामने आया है। भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने डिप्टी रजिस्ट्रार चंद्रप्रकाश शुक्ला पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने रजिस्ट्रार की अनुपस्थिति में नियमों का उल्लंघन करते हुए छात्रों के रजिस्ट्रेशन दस्तावेजों पर अनधिकृत हस्ताक्षर किए।

परमार का कहना है कि डिप्टी रजिस्ट्रार शुक्ला ने 3 सितंबर 2024 को रजिस्ट्रार अनिता चांद की जगह कई छात्रों के रजिस्ट्रेशन पर हस्ताक्षर किए। यह कदम न केवल प्रशासनिक नियमों के खिलाफ है, बल्कि छात्रों के भविष्य को भी खतरे में डालता है।

परमार ने आरोप लगाया कि डिप्टी रजिस्ट्रार शुक्ला ने अपनी पहचान चिकित्सा शिक्षा और लोक स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के रिश्तेदार के रूप में देकर उच्च अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त किया है। इसके चलते वे नर्सिंग काउंसिल में नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं।

एनएसयूआई की प्रमुख मांगें:

1. तत्काल निलंबन: डिप्टी रजिस्ट्रार चंद्रप्रकाश शुक्ला को पद से तुरंत हटाया जाए।


2. जांच समिति का गठन: इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र समिति बनाई जाए।


3. दोषियों पर कार्रवाई: दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों पर सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई हो।


4. छात्रों के हितों की सुरक्षा: रजिस्ट्रेशन से जुड़े छात्रों की शैक्षिक वैधता सुनिश्चित की जाए।


5. भविष्य में पारदर्शिता: नर्सिंग काउंसिल की कार्यप्रणाली में सुधार और अनियमितताओं को रोकने के लिए सख्त प्रावधान लागू किए जाएं।



एनएसयूआई की चेतावनी

एनएसयूआई के उपाध्यक्ष परमार ने कहा, “यह मामला न केवल नर्सिंग काउंसिल की साख पर सवाल उठाता है, बल्कि छात्रों और उनके अभिभावकों को भी चिंता में डालता है। यदि हमारी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो एनएसयूआई बड़े पैमाने पर आंदोलन करेगी।”

सरकार और प्रशासन पर दबाव बढ़ा

एनएसयूआई ने चिकित्सा शिक्षा और लोक स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला और गंभीर हो सकता है।

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