भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच का प्रदेश व्यापी जन जागरण आंदोलन अपनी 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में पांचवें दिन भी जारी रहा। आंदोलन में कर्मचारी नेताओं सहित बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने भाग लिया। मंच के प्रांताध्यक्ष अशोक पांडे ने जानकारी दी कि यह आंदोलन 19 दिसंबर 2024 तक चलेगा और उसी दिन विधानसभा का घेराव कर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
जन जागरण आंदोलन की प्रमुख मांगें
कर्मचारी मंच ने 10 सूत्रीय मांगों को लेकर यह आंदोलन शुरू किया है, जिसमें प्रमुख मांगें निम्नलिखित हैं:
1. स्थायी कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का लाभ देना।
2. अकुशल कर्मचारियों का वेतन ₹10,000, अर्ध-कुशल का ₹12,500 और कुशल का ₹15,000 करना।
3. स्थायी कर्मियों को अनुकंपा नियुक्ति और स्थानांतरण सुविधा देना।
4. सेवानिवृत्ति एवं मृत्यु पर 10 लाख रुपए की ग्रेच्युटी राशि प्रदान करना।
5. दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करना।
6. अंशकालीन कर्मचारी, वन समिति चौकीदार और पीटीएस कर्मचारियों का वेतन ₹10,000 प्रतिमाह करना।
7. सभी अनियमित श्रमिकों और कर्मचारियों का ₹10 लाख का बीमा निशुल्क करना।
8. कर्मचारियों को पेंशन सुविधा और वार्षिक 60 दिन का वेतन सहित अवकाश देना।
कर्मचारी नेताओं का सरकार पर आरोप
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि राज्य सरकार पिछले 20 वर्षों से अनियमित कर्मचारियों की मांगों की अनदेखी कर रही है। ज्ञापन देने के बावजूद मांगों को मंजूरी नहीं दी जा रही है, जिससे कर्मचारियों में गहरा असंतोष व्याप्त है।
आंदोलन में शामिल प्रमुख नेता:
अशोक पांडे, जगदीश शर्मा, चांद सिंह, राजू सिंह, घनश्याम कटारे, राजाराम मौरे, लव प्रकाश पाराशर, भगवान दास बिल्लोरे, श्यामलाल विश्वकर्मा और बद्री गौर सहित कई कर्मचारी नेताओं ने आंदोलन को संबोधित किया।
सरकार से कार्रवाई की मांग
कर्मचारी मंच ने राज्य सरकार से मांग की है कि अनियमित संवर्ग के कर्मचारियों और श्रमिकों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाए। यदि मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।