भोपाल ।। आज का दिन धार्मिक और खगोलीय दृष्टि से बेहद खास रहने वाला है। शनिवार, 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर रात के आकाश में दिखेगा साल का पहला और विशेष पिंक माइक्रोमून (Pink Micro Moon)। यह दुर्लभ खगोलीय घटना न केवल चंद्र प्रेमियों को आकर्षित करेगी, बल्कि धार्मिक श्रद्धालुओं के लिए भी एक पवित्र संयोग बनेगी।
नेशनल अवॉर्ड विजेता विज्ञान प्रसारक डॉ. सारिका घारू ने जानकारी दी कि आज दिखने वाला चंद्रमा पूर्णिमा का चंद्रमा होगा, लेकिन यह सामान्य पूर्णिमा की तुलना में आकार में छोटा महसूस होगा, जिसे ‘माइक्रोमून’ कहा जाता है।
क्या है माइक्रोमून और क्यों कहा जाता है पिंक मून?
डॉ. सारिका ने बताया कि जब पूर्णिमा का चंद्रमा पृथ्वी से अधिकतम दूरी (लगभग 4,05,000 किमी से अधिक) पर होता है, तो वह छोटा और कम चमकीला नजर आता है। इसी स्थिति को ‘माइक्रोमून’ कहा जाता है। इसके विपरीत जब चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक (लगभग 3,60,000 किमी) होता है, तो वह ‘सुपरमून’ कहलाता है।
‘पिंक मून’ नाम रखने के पीछे खगोलीय कोई रंग नहीं है। अमेरिका और पश्चिमी देशों में अप्रैल महीने में खिलने वाले ‘फ्लोक्स’ नामक गुलाबी फूलों के कारण इस पूर्णिमा के चंद्रमा को यह नाम दिया गया है।
आज रात कब और कहाँ दिखेगा यह खास चंद्रमा?
चंद्रमा शाम को कन्या राशि के हस्त नक्षत्र में उदित होगा और पूरी रात आकाश में चमकेगा।
यह प्रातः 5:52 बजे अपने सटीक माइक्रोमून स्थिति में होगा, जब यह पृथ्वी से सर्वाधिक दूरी पर रहेगा।
चंद्रमा की यह स्थिति वर्ष 2025 के सबसे छोटे पूर्णिमा चंद्रमा के रूप में दर्ज की जाएगी।
हनुमान जयंती पर चंद्रमा की चांदनी में श्रद्धा का प्रकाश
हनुमान भक्तों के लिए आज का दिन और भी खास है। एक ओर जहां श्रद्धालु हनुमान जयंती पर पूजा-पाठ और व्रत में लीन होंगे, वहीं दूसरी ओर यह खगोलीय संयोग उनकी आस्था में एक नई रोशनी जोड़ेगा।
इस शुभ संध्या पर चांदनी से नहाए आकाश में हनुमान जी की भक्ति का समर्पण करना अपने आप में एक अलौकिक अनुभव हो सकता है।
हनुमान जयंती पर आकाश में दिखेगा साल का खास ‘पिंक माइक्रोमून’, जानिए क्या है इसका खगोलीय महत्व
