लखपति दीदी’ योजना: स्व सहायता समूह की महिलाओं को सालाना ₹1 लाख कमाने का अवसर

भोपाल । मध्यप्रदेश सरकार स्व सहायता समूहों की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ‘लखपति दीदी’ योजना को बढ़ावा दे रही है। इस योजना के तहत महिलाओं को सालाना ₹1 लाख की आमदनी दिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

विपक्ष का हमला और सरकार की रणनीति

लाड़ली बहना योजना के तहत ₹3,000 मासिक देने की विपक्ष की मांग के बीच मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें ‘लखपति दीदी’ बनाने पर जोर दे रही है।

10 लाख से ज्यादा महिलाएं बनीं ‘लखपति दीदी’

राज्यसभा में प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में 1,584.22 करोड़ रुपये खर्च कर 10.51 लाख महिलाओं को ‘लखपति दीदी’ घोषित किया गया है। हालांकि, सरकार इन्हें स्व-घोषित ‘लखपति दीदी’ मानती है।

कैसे काम करती है ‘लखपति दीदी’ योजना?

योजना के तहत महिलाओं की वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक होनी चाहिए या मासिक ₹10,000 की आय होनी जरूरी है।

यह आय कम से कम चार कृषि मौसम (चार फसल चक्र) या चार व्यावसायिक चक्रों तक बनी रहनी चाहिए।

इस पहल के तहत महिला समूहों को दो तरह के क्लस्टरों में संगठित किया जाता है:

1. कारीगर क्लस्टर: (हथकरघा, हस्तशिल्प)


2. क्षेत्रीय क्लस्टर: (खाद्य सेवा, पर्यटन, पोषण आदि)




योजना के तहत मिलने वाले लाभ

प्रशिक्षण और कौशल विकास
डिजाइन डेवलपमेंट और गुणवत्ता सुधार
उद्यम निर्माण और मार्केटिंग सहायता
बैंक लिंकेज और वित्तीय सहायता
तकनीकी उन्नयन और नए उद्यमों की स्थापना

हर क्लस्टर के लिए 5 करोड़ रुपये का प्रावधान

योजना के तहत प्रत्येक क्लस्टर की स्थापना और संचालन के लिए ₹5 करोड़ का बजट तय किया गया है। इसके अलावा, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (SRLM) और तकनीकी सहायता एजेंसियां अन्य सरकारी योजनाओं से भी वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकती हैं, जैसे:

SFURTI योजना (पारंपरिक उद्योगों का उत्थान)

हस्तशिल्प और हथकरघा विकास योजनाएं


PM मोदी ने भी की थी ‘लखपति दीदी’ योजना की घोषणा

शहडोल दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं से कहा था कि सरकार महिलाओं के बैंक जमा और एफडी पर विशेष ब्याज योजना लाने की तैयारी कर रही है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

Exit mobile version