भोपाल: मध्य प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत **50,000 अंशकालीन कर्मचारियों** को पिछले **नौ महीनों** से वेतन का इंतजार है। इस समस्या को उजागर करते हुए, मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच ने मुख्य सचिव को एक पत्र लिखा है, जिसमें तत्काल वेतन भुगतान की मांग की गई है।
शिक्षा, जनजाति कार्य, स्वास्थ्य और अन्य विभागों में कार्यरत इन कर्मचारियों को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। मंच के प्रदेश अध्यक्ष **अशोक पांडे** ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि मुख्यमंत्री ने अंशकालीन कर्मचारियों को **संबल योजना** से जोड़ने का निर्णय लिया है, लेकिन वेतन के अभाव में ये कर्मचारी गंभीर आर्थिक दबाव में हैं।
वेतन की मांग करने पर अधिकारियों द्वारा बजट की कमी का हवाला देकर इनकार किया जा रहा है। इस स्थिति के कारण, कर्मचारियों के बच्चों को स्कूल से निकाला जा रहा है और उनके घरों में राशन की कमी के कारण चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं। इस वित्तीय संकट ने उन्हें और उनके परिवारों को भुखमरी की कगार पर ला दिया है।
यदि एक सप्ताह के भीतर वेतन भुगतान की व्यवस्था नहीं की गई, तो अंशकालीन कर्मचारी **भोपाल के अंबेडकर जयंती** पर भूख हड़ताल और आंदोलन की धमकी दे रहे हैं। इस समस्या का समाधान न होने पर राज्य सरकार के विरुद्ध असंतोष और बढ़ सकता है।