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कुष्ठ जागरूकता पखवाड़े का शुभारंभ: राज्य मंत्री कृष्णा गौर और नरेंद्र शिवाजी पटेल की उपस्थिति में विशेष कार्यक्रम

भोपाल, ।  सिविल अस्पताल गोविंदपुरा हथाईखेड़ा में कुष्ठ निवारण दिवस के अवसर पर कुष्ठ जागरूकता पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। इस कार्यक्रम में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कृष्णा गौर (पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग) और राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल (लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

शहीदों को श्रद्धांजलि और जागरूकता संकल्प

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और महात्मा गांधी को माल्यार्पण कर की गई। इस दौरान स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों की स्मृति में मौन रखा गया। मंत्रीद्वय ने कुष्ठ उन्मूलन के लिए संकल्प वाचन करवाया और उपस्थित लोगों को समाज में इस बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाने का आह्वान किया।

नए स्वास्थ्य सुविधाओं का लोकार्पण

इस मौके पर अस्पताल के आईपीडी, एनआरसी, पीएनसी वार्ड और पोषण पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन भी किया गया। इस दौरान कुष्ठ रोग से ठीक हो चुके मरीजों ने अपने अनुभव साझा किए।

राज्य मंत्रियों के संबोधन में जागरूकता और उपचार पर जोर

मंत्री कृष्णा गौर ने कहा कि महात्मा गांधी ने कुष्ठ रोगियों की सेवा को अपना लक्ष्य बनाया था, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनके विचारों को साकार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 100 बिस्तरों वाला सिविल अस्पताल गोविंदपुरा क्षेत्र के लोगों के लिए एक बड़ी सौगात है, जहां लगातार सुविधाओं का विस्तार हो रहा है।

मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने कहा कि भारत सरकार ने 2027 तक कुष्ठ रोग के संक्रमण को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। मध्य प्रदेश में इस दिशा में लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों में कुष्ठ जांच और उपचार पूरी तरह निशुल्क उपलब्ध है। सरकार मरीजों को विशेष चप्पलें, ग्रिप ऐड बर्तन और सेल्फ केयर किट भी प्रदान कर रही है, जिससे वे दैनिक जीवन में किसी कठिनाई का सामना न करें।

विशेषज्ञों ने बताए कुष्ठ रोग के लक्षण और उपचार

वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ. मनीष राठौर ने बताया कि कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री बैक्टीरिया के कारण होता है, जो संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से फैल सकता है। यह बैक्टीरिया धीरे-धीरे प्रभाव डालता है और संक्रमण के 5 साल बाद लक्षण प्रकट होते हैं।
मुख्य लक्षण:

त्वचा पर संवेदनाशून्य चकत्ते

हाथ-पैर में सुन्नपन

पलकों की कमजोरी

दर्द रहित घाव

जलन और नसों में सूजन


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर तिवारी ने बताया कि हर साल 30 जनवरी को कुष्ठ निवारण दिवस मनाया जाता है। इस साल की थीम “Ending Stigma, Embracing Dignity” है। 13 फरवरी तक चलने वाले स्पर्श कुष्ठ जागरूकता पखवाड़े में पीओडी शिविर, स्किन स्क्रीनिंग कैंप और कुष्ठ रोगियों के संपर्क में आए लोगों की जांच की जाएगी।

कुष्ठ रोग पूरी तरह से उपचार योग्य

विशेषज्ञों ने बताया कि कुष्ठ रोग का बहु-औषधि उपचार (MDT) पूरी तरह से प्रभावी है और समय पर इलाज से विकलांगता को रोका जा सकता है। यह बीमारी सामान्य संपर्क से नहीं फैलती, लेकिन अनुपचारित मरीजों के निकट संपर्क में रहने से संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है।

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