भोपाल, भोपाल के बीसवें अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार जैन की अदालत ने हत्या के आरोपी बाबूलाल तिवारी को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी पर धारा 302 एवं 201 भादवि के तहत मुकदमा चलाया गया था, जिसमें कोर्ट ने धारा 302 के तहत आजीवन कारावास और ₹5,000 का अर्थदंड तथा धारा 201 के तहत 2 साल का सश्रम कारावास और ₹1,000 के दंड का निर्णय सुनाया।
क्या था पूरा मामला?
घटना 29 अगस्त 2022 की रात की है, जब पुलिस थाना स्टेशन बजरिया में सूचना मिली कि द्वारका नगर पुलिया के पास एक अज्ञात व्यक्ति का शव पड़ा हुआ है। यह सूचना खुद बाबूलाल तिवारी ने पुलिस को दी थी। पुलिस को मृतक की जेब से शैतान सिंह लोधी का विजिटिंग कार्ड मिला, जिससे परिवार को संपर्क कर बुलाया गया। मृतक की पहचान रघुवीर लोधी के रूप में हुई।
CCTV फुटेज से हुआ खुलासा
पुलिस ने घटनास्थल के पास रिसिका जनरल स्टोर्स के CCTV फुटेज खंगाले, जिसमें रात 10:39 बजे बाबूलाल तिवारी को नशे की हालत में रघुवीर लोधी को अपनी झोपड़ी की ओर ले जाते देखा गया। फिर रात 11:13 बजे बाबूलाल तिवारी बदहवास हालत में बाहर आता दिखा।
कैसे हुई थी हत्या?
जांच में सामने आया कि बाबूलाल तिवारी और रघुवीर लोधी ने साथ बैठकर शराब पी थी। इस दौरान किसी बात पर विवाद हुआ और बाबूलाल तिवारी ने गुस्से में पत्थर की फरसी से रघुवीर लोधी का सिर कुचल दिया। घटना छुपाने के लिए उसने पुलिस को अज्ञात शव मिलने की सूचना दी थी।
पुलिस ने किया मामला दर्ज
इस आधार पर थाना स्टेशन बजरिया में प्रकरण क्रमांक 273/2022 धारा 302 और 201 भादवि के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई। सभी सबूतों और गवाहों को अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी बाबूलाल तिवारी को दोषी मानते हुए सजा सुना दी।
सरकारी वकील की भूमिका
इस मामले में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक वंदना परते ने प्रभावी पैरवी की, जिसके आधार पर कोर्ट ने कठोरतम सजा सुनाई।