भोपाल। कुक्कुट विकास निगम के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल से निगम को रोजाना 25 से 50 लाख रुपये का नुकसान हो रहा है। संविदा कर्मचारी दो दिन से हड़ताल पर हैं और अपने परिवार के साथ निगम मुख्यालय के सामने धरना दे रहे हैं।
हड़ताल का कारण:
संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने बताया कि कुक्कुट विकास निगम की संचालक मंडल की बैठक में छह महीने पहले संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के समान वेतन और भत्ते दिए जाने का निर्णय लिया गया था। यह आदेश अब तक जारी नहीं हुआ है, जबकि कई बार ज्ञापन सौंपा जा चुका है। आदेश जारी न होने के चलते कर्मचारियों को हड़ताल पर बैठना पड़ा।
मुख्य प्रभावित क्षेत्र:
हड़ताल के चलते निगम का पूरा कामकाज ठप हो गया है। विभिन्न प्लांट और संस्थानों में कार्य बाधित हो रहे हैं:
1. केंद्रीय वीर्य संस्थान, भोपाल:
प्रोसेसिंग का कार्य रुकने से रोजाना लगभग 18,000 डोज़ेज़ का उत्पादन प्रभावित।
सोमवार को संस्थान को 4.32 लाख रुपये का नुकसान हुआ।
जानवरों का नियमित उपचार भी बाधित।
2. केंद्रीय वीर्य संस्थान, दतिया:
रोजाना 3,500 डोज़ेज़ का उत्पादन ठप।
सोमवार को लगभग 87,500 रुपये का नुकसान।
कंप्यूटर से जुड़े कार्य भी रुक गए।
3. निगम मुख्यालय, भोपाल:
निर्माण प्रकोष्ठ और योजनाओं से जुड़े सभी कार्य बंद।
फाइल मूवमेंट भी पूरी तरह ठप।
4. नाइट्रोजन प्लांट, उज्जैन:
तकनीकी खराबी के कारण उत्पादन बंद।
कृत्रिम गर्भाधान का कार्य प्रभावित।
5. पशु आहार संयंत्र:
60 टन उत्पादन रुकने से 14 लाख रुपये का नुकसान।
6. जबलपुर और सागर:
नाइट्रोजन वितरण बाधित होने से सीमेन डोज़ेज़ खराब होने की आशंका।
कर्मचारियों को मिला समर्थन:
हड़ताल के दूसरे दिन विभिन्न कर्मचारी संगठनों के नेताओं ने धरने को संबोधित किया और समर्थन दिया।
निगम को भारी नुकसान:
कुक्कुट विकास निगम के भोपाल, इंदौर, सागर, दतिया, और कीरतपुर (नर्मदापुरम) प्लांट पूरी तरह बंद हैं। कृत्रिम गर्भाधान डोज़ की कमी और अन्य कार्यों के रुकने से निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हो सकता है।
सरकार से मांग:
संविदा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की है। अगर जल्द समाधान नहीं निकला तो हड़ताल लंबी खिंच सकती है, जिससे नुकसान और बढ़ सकता है।