इंदौर: एशिया के सबसे बड़े फ्लोटिंग सोलर प्लांट ओंकारेश्वर में आज से 278 मेगावाट की पूरी क्षमता के साथ विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है। इस ऐतिहासिक मौके पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मां नर्मदा के आंचल में तैरता यह फ्लोटिंग सोलर प्लांट मध्यप्रदेश के ऊर्जा क्षेत्र में एक नई क्रांति का प्रतीक है। उन्होंने इसे ग्रीन एनर्जी और राज्य की आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताते हुए प्रदेशवासियों को बधाई दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी बिजली संकट का सामना करने वाला मध्यप्रदेश आज अपनी विद्युत आपूर्ति में आत्मनिर्भर बन चुका है, और ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों से ही आज मध्यप्रदेश बिजली उत्पादन में सरप्लस हो गया है। भविष्य में भी प्रदेश में ऐसे नवाचारों को अपनाकर इसे स्वच्छ और सशक्त बनाए रखने का संकल्प लिया गया है।
मुख्य विशेषताएं:
278 मेगावाट की उत्पादन क्षमता: ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट एशिया का सबसे बड़ा फ्लोटिंग सोलर प्लांट है, जो नर्मदा नदी पर स्थापित है।
ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा: इस प्रोजेक्ट से पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी।
प्रदेश की आत्मनिर्भरता: मध्यप्रदेश अब बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनता जा रहा है, जो प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में सहायक होगा।
ओंकारेश्वर सोलर प्लांट की यह सफलता मध्यप्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक कदम है। इस पहल से राज्य न केवल अपने लिए बल्कि देशभर में बिजली जरूरतें पूरी करने में योगदान देगा।