भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार एक बार फिर 5 हजार करोड़ रुपए का कर्ज लेने जा रही है। मोहन यादव सरकार की यह नई कर्ज योजना ई-ऑक्शन के जरिए स्टॉक गिरवी रखकर पूरी की जाएगी। कर्ज की यह राशि दो अलग-अलग किस्तों में ली जाएगी, जिसमें प्रत्येक 2500 करोड़ रुपए के दो कर्ज शामिल हैं। यह कर्ज 27 नवंबर तक सरकार के खजाने में पहुंच जाएगा।
कर्ज की डिटेल्स और सरकारी बांड की योजना
जानकारी के अनुसार, मध्य प्रदेश सरकार 20 साल के लिए 2500 करोड़ और 14 साल के लिए 2500 करोड़ का कर्ज लेने की योजना बना रही है। यह कर्ज आरबीआई के माध्यम से लिया जाएगा और इसके लिए सरकारी बांड या स्टॉक को गिरवी रखा जाएगा। ई-ऑक्शन प्रक्रिया के बाद, 27 नवंबर तक यह राशि राज्य सरकार के खजाने में जमा हो जाएगी।
पिछले 11 महीनों में 40,500 करोड़ का कर्ज
मध्य प्रदेश सरकार के वित्तीय रिकॉर्ड को देखें तो यह कर्ज इस वर्ष का सबसे बड़ा ऋण होगा। पिछले 11 महीनों में राज्य सरकार 40,500 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। इस राशि का उपयोग राज्य की विकास योजनाओं और अन्य प्रशासनिक खर्चों के लिए किया गया है। वहीं, राज्य पर कुल कर्ज का बोझ बढ़कर 3 लाख 90 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुका है, जो राज्य की वित्तीय स्थिरता के लिए चिंता का विषय बन गया है।
वित्तीय स्थिरता पर उठे सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि मध्य प्रदेश पर लगातार बढ़ता कर्ज राज्य की वित्तीय स्थिति पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। हालांकि सरकार का कहना है कि यह कर्ज विकास कार्यों और राज्य की योजनाओं के लिए जरूरी है, लेकिन कर्ज के बढ़ते बोझ के कारण राज्य के आर्थिक भविष्य को लेकर सवाल उठ रहे हैं।