भोपाल, : मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच का 10 सूत्रीय मांगों के समर्थन में चल रहा प्रदेशव्यापी जन जागरण आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा। मंच ने ऐलान किया है कि आंदोलन का समापन 19 दिसंबर को विधानसभा घेराव के साथ होगा, जिसमें मुख्यमंत्री को 10 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा जाएगा।
आंदोलन में शामिल प्रमुख नेता
जन जागरण आंदोलन में अशोक पांडे, जगदीश शर्मा, चांद सिंह सिंह, राजू सिंह, घनश्याम कटारे, राजाराम मौरे, लव प्रकाश पाराशर, भगवान दास बिल्लोरे, श्यामलाल विश्वकर्मा, के.के. कहार, बद्री गौर, शिवप्रसाद सांगुले, सत्येंद्र पांडे, प्रीतम मेहर समेत अन्य कर्मचारी नेता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
आंदोलन की मुख्य मांगें
मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच के प्रदेशाध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि आंदोलन में राज्य के 5 संवर्गों के अनियमित कर्मचारियों की 10 प्रमुख मांगों को लेकर सरकार पर दबाव डाला जा रहा है। इन मांगों में शामिल हैं:
1. स्थाई कर्मियों को सातवें वेतनमान का लाभ।
2. वेतनमान संशोधन:
अकुशल कर्मियों को ₹10,000 प्रतिमाह।
अर्ध-कुशल कर्मियों को ₹12,500 प्रतिमाह।
कुशल कर्मियों को ₹15,000 प्रतिमाह।
3. स्थाई कर्मियों को अनुकंपा नियुक्ति और स्थानांतरण सुविधा।
4. सेवानिवृत्ति और मृत्यु पर ग्रेच्युटी राशि ₹10 लाख।
5. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करना।
6. अंशकालीन कर्मचारियों का वेतन ₹10,000 प्रतिमाह और नियमितीकरण।
7. सभी श्रमिकों को ₹20,000 प्रतिमाह का वेतन।
8. श्रमिकों का ₹10 लाख का बीमा निशुल्क।
9. पेंशन सुविधा की बहाली।
10. वर्ष में 60 दिवस वेतन सहित अवकाश।
सरकार के खिलाफ नाराजगी
कर्मचारी नेताओं का आरोप है कि राज्य सरकार पिछले 20 वर्षों से अनियमित कर्मचारियों, अंशकालीन कर्मचारियों और श्रमिकों की मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है। नौकरशाही द्वारा किए जा रहे अधिकारों के हनन के चलते कर्मचारियों में असंतोष बढ़ रहा है।
विधानसभा घेराव की तैयारी
कर्मचारी मंच ने घोषणा की है कि 19 दिसंबर को विधानसभा का घेराव किया जाएगा। यदि मांगे पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।