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मध्यप्रदेश नर्सिंग घोटाला 2025: गांधी मेडिकल कॉलेज की नर्सिंग प्राचार्य पद से हटीं, 70 स्टाफ पर विभागीय जांच के आदेश – NSUI की मांग पर हुई कार्रवाई





भोपाल। मध्यप्रदेश में सामने आए बहुचर्चित नर्सिंग घोटाले में अब राज्य सरकार ने बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए सख्ती दिखाई है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने गांधी मेडिकल कॉलेज (GMC) भोपाल की नर्सिंग प्राचार्य राधिका नायर को पद से हटा दिया है, वहीं प्रदेशभर में करीब 70 नर्सिंग स्टाफ और डॉक्टरों के विरुद्ध आरोप पत्र जारी कर विभागीय जांच के निर्देश दिए गए हैं।

यह कार्रवाई NSUI (नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया) द्वारा लगातार उठाई गई मांगों के बाद सामने आई है। NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार इस पूरे मामले में मुखर रूप से सक्रिय रहे हैं और उन्होंने न केवल दोषियों के खिलाफ कड़ी सजा बल्कि नर्सिंग छात्रों के भविष्य की सुरक्षा और चिकित्सा शिक्षा विभाग में पारदर्शिता की भी पुरजोर मांग की है।

NSUI का आरोप: गंभीर दोषियों को बचा रहे अधिकारी

रवि परमार ने वर्तमान चिकित्सा शिक्षा आयुक्त तरुण राठी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि, “पूर्व आयुक्त ने 110 से अधिक नर्सिंग स्टाफ व चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए थे, लेकिन अब सिर्फ 70 के खिलाफ ही विभागीय कार्रवाई हो रही है। यह साफ तौर पर गंभीर दोषियों को बचाने का प्रयास है।”

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि घोटाले में लिप्त कई प्रभावशाली कर्मचारियों व अधिकारियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया गया है, जिससे न्याय की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है।

निलंबन की मांग और आंदोलन की चेतावनी

रवि परमार ने नर्सिंग प्राचार्य राधिका नायर को सिर्फ पद से हटाए जाने पर असंतोष व्यक्त करते हुए कहा कि, “केवल पद से हटाना पर्याप्त नहीं है। जिन पर भ्रष्टाचार और अनियमितता के गंभीर आरोप हैं, उन्हें तत्काल निलंबित कर कठोर विभागीय व न्यायिक कार्रवाई की जानी चाहिए। यदि सरकार सिर्फ खानापूर्ति कर रही है, तो यह छात्रों और जनता के साथ धोखा है।”

परमार ने चेतावनी दी कि यदि पूरे नर्सिंग घोटाले में निष्पक्ष जांच नहीं हुई और सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो NSUI प्रदेशभर में विस्तृत जन आंदोलन शुरू करेगी।

इन प्रमुख नामों पर अब तक कार्रवाई नहीं

NSUI ने इस घोटाले में जिन प्रमुख नामों का जिक्र किया है और जिन पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, उनमें पूर्व प्राचार्य रोसी शाहुल, डॉ जितेंद्र महावर, डॉ हरिसिंह मकवाना, डॉ संदीप मर्सकोले, डॉ वीरेंद्र धुर्वे, तथा नर्सिंग स्टाफ रजनी नायर, प्रियदर्शनी डेहरिया, दीपिका कुंभारे और राजश्री मालवीय शामिल हैं।

पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग

रवि परमार ने कहा कि मध्यप्रदेश नर्सिंग घोटाला 2025 की जांच में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाना चाहिए।

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