एम्स भोपाल में हिंदी में मेडिकल पुस्तक का विमोचन, एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों के लिए होगी उपयोगी

भोपाल – अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल ने चिकित्सा शिक्षा को अधिक समावेशी और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह के मार्गदर्शन में, संस्थान के फिजियोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. वरुण मल्होत्रा और संत हिरदाराम मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर डॉ. ज्योति केसवानी द्वारा लिखित एक नई हिंदी मेडिकल पुस्तक का विमोचन किया गया।

एमबीबीएस और नर्सिंग छात्रों के लिए उपयोगी पुस्तक

एसएलसी इंडिया पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का उद्देश्य प्रथम वर्ष के एमबीबीएस, नर्सिंग और पैरामेडिकल छात्रों के लिए चिकित्सा शिक्षा में भाषा की बाधा को कम करना और परीक्षा की तैयारी को सरल बनाना है। यह पुस्तक 81 विशिष्ट क्लिनिकल संरचनाओं और शरीर-क्रिया विज्ञान से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्नों को शामिल करती है, जिससे छात्र व्यावहारिक समस्याओं को बेहतर ढंग से समझ और हल कर सकें।

हिंदी में पहली बार आसान चिकित्सा अवधारणाएं

यह पहली बार है जब एक जटिल क्लिनिकल और फिजियोलॉजी आधारित पुस्तक को हिंदी भाषा में उपलब्ध कराया गया है, जिससे चिकित्सा क्षेत्र के छात्र अपनी पढ़ाई को अधिक सहजता से समझ सकें। पुस्तक की प्रस्तावना और आमुख एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह द्वारा लिखा गया है, जिसमें उन्होंने भविष्य की चिकित्सा शिक्षा को अधिक समावेशी बनाने पर बल दिया है।

चिकित्सा शिक्षा को सुलभ बनाने की पहल

पुस्तक के विमोचन के अवसर पर प्रो. सिंह ने कहा,
“हमारा लक्ष्य चिकित्सा शिक्षा को भाषा की बाधा से मुक्त कर अधिक समावेशी बनाना है। हिंदी में इस पुस्तक के आने से एमबीबीएस और नर्सिंग के प्रथम वर्ष के छात्र जटिल चिकित्सा अवधारणाओं को आसानी से समझ सकेंगे। यह पुस्तक न केवल परीक्षा की तैयारी में मदद करेगी बल्कि उनके भविष्य के चिकित्सा करियर के लिए भी एक मजबूत नींव तैयार करेगी।”

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