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भोपाल केन्द्रीय जेल का औचक निरीक्षण: प्रभारी सदस्य सचिव ने सुनी बंदियों की समस्याएं और दी विधिक सहायता

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के प्रभारी सदस्य सचिव श्री प्रदीप मित्तल ने आज, 11 जनवरी 2025 को केन्द्रीय जेल भोपाल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ श्रीमती आरती शर्मा (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भोपाल) और श्री अभय सिंह (जिला विधिक सहायता अधिकारी) मौजूद रहे। निरीक्षण का उद्देश्य जेल बंदियों की समस्याओं को समझना और उन्हें आवश्यक विधिक सहायता प्रदान करना था।

प्रमुख बिंदु:

जेल निरीक्षण:

प्रभारी सदस्य सचिव ने जेल परिसर में पाकशाला, जेल

भोपाल केन्द्रीय जेल का औचक निरीक्षण: प्रभारी सदस्य सचिव ने सुनी बंदियों की समस्याएं और दी विधिक सहायता

भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जबलपुर के प्रभारी सदस्य सचिव श्री प्रदीप मित्तल ने आज, 11 जनवरी 2025 को केन्द्रीय जेल भोपाल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ श्रीमती आरती शर्मा (जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, भोपाल) और श्री अभय सिंह (जिला विधिक सहायता अधिकारी) मौजूद रहे। निरीक्षण का उद्देश्य जेल बंदियों की समस्याओं को समझना और उन्हें आवश्यक विधिक सहायता प्रदान करना था।

प्रमुख बिंदु:

जेल निरीक्षण:

प्रभारी सदस्य सचिव ने जेल परिसर में पाकशाला, जेल उद्योग, अष्टकोण कार्यालय, और जेल लीगल क्लीनिक का निरीक्षण किया।

पुरुष और महिला वार्ड में बंदियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं।

महिला बंदियों और उनके बच्चों से विशेष चर्चा की गई और उन्हें विधिक सहायता के प्रावधानों की जानकारी दी गई।

विधिक सहायता और योजनाओं की जानकारी:

बंदियों को यूटीआरसी स्कीम, एसएमडब्ल्यूपी 04/2021, प्रीमेच्योर रिलीज, पैरोल फरलो, और गरीब बंदियों के लिए नालसा स्कीम के बारे में जानकारी दी गई।

प्रभारी सदस्य सचिव ने जेल प्रशासन को जेल परिसर में विधिक प्रावधानों के प्रचार के लिए पंपलेट और बैनर लगाने के निर्देश दिए।

विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन:

निरीक्षण के बाद, केन्द्रीय जेल में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। प्रभारी सदस्य सचिव ने बंदियों से अपील की कि वे जेल से रिहा होने के बाद मुख्य धारा में शामिल होने के लिए जेल में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ उठाएं।

यह औचक निरीक्षण और जागरूकता शिविर जेल बंदियों के अधिकारों और उनके पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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, अष्टकोण कार्यालय, और जेल लीगल क्लीनिक का निरीक्षण किया।

पुरुष और महिला वार्ड में बंदियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं।

महिला बंदियों और उनके बच्चों से विशेष चर्चा की गई और उन्हें विधिक सहायता के प्रावधानों की जानकारी दी गई।


विधिक सहायता और योजनाओं की जानकारी:

बंदियों को यूटीआरसी स्कीम, एसएमडब्ल्यूपी 04/2021, प्रीमेच्योर रिलीज, पैरोल फरलो, और गरीब बंदियों के लिए नालसा स्कीम के बारे में जानकारी दी गई।

प्रभारी सदस्य सचिव ने जेल प्रशासन को जेल परिसर में विधिक प्रावधानों के प्रचार के लिए पंपलेट और बैनर लगाने के निर्देश दिए।


विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन:

निरीक्षण के बाद, केन्द्रीय जेल में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। प्रभारी सदस्य सचिव ने बंदियों से अपील की कि वे जेल से रिहा होने के बाद मुख्य धारा में शामिल होने के लिए जेल में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों का लाभ उठाएं।

यह औचक निरीक्षण और जागरूकता शिविर जेल बंदियों के अधिकारों और उनके पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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