मिशलिन इंडिया ने ‘मिशलिन एआई चैलेंज’ के विजेताओं की घोषणा की

आईआईटी दिल्ली में आयोजित फिनाले में Kogo.ai, Prophecy और Zangoh.ai बने विजेता

नई दिल्ली: प्रमुख टायर निर्माता मिशलिन इंडिया ने अपने पहले ‘मिशलिन एआई चैलेंज’ के विजेताओं की घोषणा कर दी है। Kogo.ai, Prophecy और Zangoh.ai ने इस चैलेंज में शीर्ष स्थान हासिल किया। इस प्रतियोगिता का आयोजन स्टार्टअप इंडिया और डीपीआईआईटी (डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड) के सहयोग से किया गया था, जिसमें 25 शहरों से 106 स्टार्टअप्स ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य भारत के एआई स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना और नई तकनीकों व इनोवेशन को बढ़ावा देना है।

आईआईटी दिल्ली में हुआ फिनाले, गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति

पुरस्कार समारोह का आयोजन आईआईटी दिल्ली में किया गया, जहां मिशलिन और विभिन्न सरकारी संगठनों के प्रमुख अधिकारी शामिल हुए। मुख्य अतिथियों में मिशलिन ग्रुप की चीफ डेटा और एआई ऑफिसर, डॉ. अंबिका राजागोपाल, मिशलिन इंडिया के प्रबंध निदेशक, शांतनु देशपांडे, फ्रांस दूतावास की प्रतिनिधि सुश्री मैरी खाटेर, और ईयू प्रतिनिधिमंडल के मंत्री-काउंसलर पेट्रोस सौरमेलिस शामिल थे।

चुनिंदा स्टार्टअप्स को मिला मिशलिन के साथ काम करने का अवसर

टॉप 10 फाइनलिस्ट ने डेमो डे के दौरान अपने प्रोजेक्ट्स पेश किए, जिनमें से Kogo.ai, Prophecy और Zangoh.ai को विजेता घोषित किया गया। इन स्टार्टअप्स को मिशलिन के साथ पेड पायलट प्रोजेक्ट्स पर काम करने और 5 लाख रुपये तक की फंडिंग प्राप्त करने का मौका मिला। विजेताओं को मिशलिन की लीडरशिप टीम से मेंटरशिप और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देने का अवसर भी दिया गया।

एआई चैलेंज में उन्नत तकनीकों का हुआ प्रयोग

डॉ. अंबिका राजागोपाल ने कहा, “इस एआई चैलेंज में एआई एजेंट्स, लैंग्वेज मॉडल (LLM), कंप्यूटर विजन और रोबोटिक्स जैसी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है। हमारा लक्ष्य सड़क सुरक्षा, उत्पाद गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता में सुधार करना है।” उन्होंने यह भी बताया कि लैंग्वेज मॉडल का इस्तेमाल सिर्फ ऑटोमेशन के लिए नहीं बल्कि जटिल समस्याओं के समाधान के लिए किया जा रहा है।

मिशलिन इंडिया की भारत में निवेश की प्रतिबद्धता

मिशलिन इंडिया के एमडी शांतनु देशपांडे ने कहा, “हमारी प्रतिबद्धता का एक उदाहरण पुणे में एआई मुख्यालय की स्थापना है। डीपीआईआईटी के साथ एमओयू के तहत हम पर्यावरण-अनुकूल इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं।” उन्होंने इस सहयोग के लिए डीपीआईआईटी का आभार व्यक्त किया और कहा कि मिशलिन भारत में नवाचार और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।

ईयू और फ्रांस दूतावास की प्रतिक्रिया

ईयू के मंत्री-काउंसलर पेट्रोस सौरमेलिस ने कहा, “मिशलिन का यह एआई चैलेंज उद्योग और नवाचार के बीच डेटा और एआई के बेहतर उपयोग को प्रोत्साहित करता है।” फ्रांस दूतावास की सुश्री मैरी खाटेर ने भारत-फ्रांस साझेदारी पर जोर देते हुए कहा, “यह पहल दोनों देशों के बीच डिजिटल इनोवेशन के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा बनाएगी। विशेष रूप से 2026 में होने वाले इंडो-फ्रेंच ईयर ऑफ इनोवेशन के लिए यह प्रयास महत्वपूर्ण है।”

मिशलिन और डीपीआईआईटी का संयुक्त प्रयास

मिशलिन और डीपीआईआईटी के बीच हुए समझौते के तहत, दोनों मिलकर मैन्युफैक्चरिंग स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करेंगे। इस पहल का उद्देश्य इंडस्ट्री-ड्रिवन इन्क्यूबेटर प्रोग्राम्स के माध्यम से टिकाऊ व्यावसायिक मॉडल और नई तकनीकों को बढ़ावा देना है, ताकि भारतीय स्टार्टअप्स वैश्विक बाजार में अग्रणी बन सकें।

निष्कर्ष

मिशलिन एआई चैलेंज ने यह साबित कर दिया कि भारतीय स्टार्टअप्स में नवाचार की कोई कमी नहीं है। देशभर के स्टार्टअप्स ने अपने उन्नत एआई समाधानों के जरिए भौगोलिक सीमाओं को तोड़ते हुए प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस चैलेंज के विजेताओं को मिशलिन के साथ काम करने और अपने प्रोजेक्ट्स को वैश्विक मंच पर पेश करने का अनूठा अवसर मिला है।

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