मुंबई। मोदी सरकार टेलिकॉम सेक्टर में बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है, जिससे दो प्रमुख कंपनियों को फायदा होने की संभावना है। सरकार एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रिवेन्यू) को लेकर प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों को वित्तीय राहत देने पर विचार कर रही है। यह कदम खासतौर पर उन कंपनियों के लिए राहतकारी साबित हो सकता है, जो भारी कर्ज में डूब चुकी हैं। 2019 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार पर भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसे प्रमुख खिलाड़ियों का दबदबा रहा है, लेकिन अब सरकार इन कंपनियों को राहत देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है।
सूत्रों के अनुसार, केंद्र सरकार 50% ब्याज और 100% की छूट देने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अगर यह प्रस्ताव लागू होता है, तो यह भारत के टेलिकॉम क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव होगा। इसके साथ ही, यह बदलाव टेलिकॉम सेक्टर में दो प्रमुख प्राइवेट कंपनियों को बड़ा फायदा दे सकता है, जिनमें भारती एयरटेल और टाटा टेलीसर्विसेज शामिल हैं।
प्रस्तावित राहत के तहत, 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वित्तीय मदद टेलिकॉम कंपनियों को दी जा सकती है। खासतौर पर, भारती एयरटेल को करीब 38,000 करोड़ रुपये और टाटा टेलीसर्विसेज को 14,000 करोड़ रुपये की राहत मिलने की संभावना है। वहीं, रिलायंस जियो इस प्रस्ताव से प्रभावित नहीं होगा, क्योंकि इसके पास कोई एजीआर देनदारी नहीं है।
सरकारी अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्ताव पर वित्त मंत्रालय और सार्वजनिक विभागों के बीच चर्चा चल रही है और मोदी सरकार इसे आगामी बजट में पेश कर सकती है। टेलिकॉम उद्योग में 2016 में रिलायंस जियो के प्रवेश के बाद से प्रतिस्पर्धा और भी तेज हो गई है, और यह प्रस्ताव उस बदलाव का हिस्सा हो सकता है।