एमपी वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन को बंद होने का खतरा: अध्यक्ष अनिल बाजपेई ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

भोपाल: मध्य प्रदेश वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अनिल बाजपेई ने मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव को पत्र लिखकर वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि निगम, जो 1958 से लाभ में चल रहा था, अब पिछले तीन वर्षों से बकाया वसूली में लापरवाही के कारण वित्तीय संकट का सामना कर रहा है।

बकाया राशि ने बढ़ाई समस्याएं

पत्र में उल्लेख किया गया है कि निगम के विभिन्न विभागों और संस्थानों से बड़ी रकम वसूली के इंतजार में है:

नागरिक आपूर्ति निगम: ₹1002 करोड़ (नियमित भंडारण शुल्क)

एरिया भंडारण शुल्क: ₹660 करोड़

साइलो स्टील: ₹80 करोड़

नाफेड: ₹127 करोड़

विपणन संघ: ₹231 करोड़

मध्य शासन से: ₹22 करोड़


अनिल बाजपेई का कहना है कि समय पर वसूली नहीं होने के कारण निगम के कर्मचारियों को वेतन देने में देरी हो रही है।

अधिकारियों की मनमानी और कुप्रबंधन

अनिल बाजपेई ने आरोप लगाया है कि अधिकारियों की मनमानी और वित्तीय कुप्रबंधन के कारण निगम की स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है।

दोहरे कार्यभार का मुद्दा:

वित्त संचालक को तीन विभागों का काम सौंपा गया है।

प्रबंध संचालक दो विभागों का कार्य देख रहे हैं।

नियमित अधिकारियों की कमी से निगम को भारी नुकसान हो रहा है।



फिजूलखर्ची रोकने की मांग

बाजपेई ने मुख्यमंत्री से निगम में अनावश्यक खर्चों को तत्काल रोकने की अपील की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही आवश्यक कदम नहीं उठाए गए, तो वेयरहाउसिंग कॉरपोरेशन भी अन्य संस्थानों जैसे परिवहन निगम और तिलहन संघ की तरह बंद होने की कगार पर पहुंच सकता है।

कर्मचारियों का आक्रोश

इस संकट से कर्मचारियों में गहरा रोष है। वे मानते हैं कि अगर बकाया वसूली और प्रबंधन में सुधार नहीं हुआ, तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर मजबूर हो सकते हैं।

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