मुजफ्फरपुर, बिहार – 14 वर्षीय दलित लड़की की हत्या के मामले में बलात्कार के आरोप को झूठा पाया गया है। यह मामला दरअसल प्रेम, सेक्स, और जातिगत विवाद का निकला।
मुजफ्फरपुर के एसपी के अनुसार, मुख्य आरोपी संजय राय यादव और लड़की के बीच गहरा रिश्ता था, और दोनों के बीच अक्सर फोन पर बातचीत होती थी। इस रिश्ते की जानकारी लड़की की जाति के पांच युवकों को एक महीने पहले से थी, और वे दोनों को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बना रहे थे।
घटना की रात, संजय राय यादव और लड़की ने मिलने का फैसला किया। इस बात की भनक पांचों युवकों को लग गई, और वे भी मौके पर पहुंच गए। वहां संजय राय यादव और उन पांच लड़कों के बीच बहस हुई, जिसके बाद लड़कों ने रॉड से लड़की पर वार कर दिया। लड़की बेहोश हो गई, और पांचों युवक डर के मारे भाग गए।
संजय राय यादव ने पोल खुलने के डर से लड़की का गला दबाकर हत्या कर दी और शव को छिपा दिया।
इस घटना के बाद कुछ लोगों ने इसे जातीय रंग देने और दलित बनाम यादव का मुद्दा बनाने की कोशिश की, लेकिन जांच में सच्चाई सामने आ गई।
अब सवाल उठता है कि इस घटना को आप किस नजरिए से देख रहे हैं?